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“कवि सम्मेलन 2025: अग्रसेन महाविद्यालय में गूंजीं युवा कवियों की ग़ज़लें और शायरियां”

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अग्रसेन महाविद्यालय, पुरानी बस्ती में पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित कवि सम्मेलन में गजलों और शायरी की ऐसी महफिल सजी कि श्रोता भाव-विभोर हो उठे। यह आयोजन खासतौर पर आज के युवा कवियों को मंच देने और उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की आरती और पूजन के साथ हुई। महाविद्यालय के डायरेक्टर व्ही. के. अग्रवाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “कविता, कहानी, ग़ज़ल और शायरी न केवल हमारी भावनाओं की अभिव्यक्ति हैं, बल्कि जीवन को खुशनुमा बनाने में भी सहायक होती हैं।”

मंच पर उभरे युवा प्रतिभा के सितारे

इस कवि सम्मेलन में युवा कवियों ने अपनी रचनाओं से समां बांध दिया।

  • साथी बोस ने युवाओं के प्रेम और दोस्ती के भावों को बेहद खूबसूरती से पेश किया।
  • भाविका जूरी ने समकालीन युवा प्रेम संबंधों को गजलों के माध्यम से संवेदनशीलता से प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में विभाग के छात्र-छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। चंद्रप्रकाश, सौरभ, प्रियांशु और पूजा ने अपनी प्रस्तुतियों से खूब सराहना बटोरी।

मंच भय दूर करना है उद्देश्य

प्रशासनिक अधिकारी डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा, “इस प्रकार के आयोजनों का मुख्य उद्देश्य छात्रों में मंच के प्रति भय को खत्म कर उन्हें आत्मविश्वास से भरना है।”
वहीं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. युलेंद्र राजपूत ने कहा, “हर प्रस्तुति में गहराई और संवेदना झलक रही थी, जो युवा कवियों की प्रतिभा को दर्शाती है।”

आयोजन का सुंदर संचालन

कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. आकांक्षा दुबे ने कुशलता से किया। इस अवसर पर विभाग के प्राध्यापकगण – प्रो. हेमंत सहगल, प्रो. रितुलता तारक, प्रो. ऋषिका सोनी, प्रो. ईशा गोस्वामी और प्रो. जिज्ञासा परमार भी उपस्थित रहे।

निष्कर्ष

यह कवि सम्मेलन न केवल एक साहित्यिक आयोजन था, बल्कि यह युवाओं की प्रतिभा को निखारने और उन्हें समाज के सामने लाने का सार्थक प्रयास भी साबित हुआ। ऐसी महफिलें निश्चय ही साहित्यिक चेतना को जागृत करने में मील का पत्थर साबित होंगी।

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