Chhattisgarh
बिजली करंट से मौत: हाई कोर्ट ने बढ़ाया मुआवजा, 7.68 लाख रुपये देने का आदेश

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में बिजली करंट से हुई मौत के मामले में मृतक के परिवार को मुआवजे की राशि बढ़ाकर 7,68,990 रुपये कर दी है। यह निर्णय जांजगीर-चांपा जिले के मलकहारौदा में एक ग्रामीण की करंट से हुई मौत के मामले में दिया गया।
मृतक चित्रभान की पत्नी शांति बाई और तीन बेटियों ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए 28.90 लाख रुपये का दावा किया था। ट्रायल कोर्ट ने 4 लाख रुपये मुआवजा तय किया था, जिसे हाई कोर्ट ने बढ़ाकर 7.68 लाख रुपये कर दिया।
कोर्ट के निर्णय के मुख्य बिंदु:
- स्ट्रिक्ट लाइबिलिटी: कोर्ट ने कहा कि बिजली आपूर्ति कार्य स्वभाव से खतरनाक हैं, इसलिए विभाग ‘स्ट्रिक्ट लाइबिलिटी’ से बच नहीं सकता।
- विभाग की जिम्मेदारी: कोर्ट ने कहा कि बिजली वितरण कार्य स्वभाव से ही खतरनाक है, इसलिए विभाग पर स्ट्रिक्ट लाइबिलिटी लागू होती है, चाहे सीधी लापरवाही सिद्ध न भी हो।
- मुआवजे की राशि: कोर्ट ने मुआवजे की राशि 7,68,990 रुपये तय की और 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ तीन महीने में भुगतान का आदेश दिया।
इस निर्णय से स्पष्ट होता है कि बिजली विभाग की जिम्मेदारी है कि वह बिजली सप्लाई से जुड़े कार्यों में सावधानी बरते और किसी भी तरह की लापरवाही न करे। यदि कोई दुर्घटना होती है, तो विभाग को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है ।
