बालोद के दो कृषि केंद्रों में उर्वरक विक्रय पर प्रतिबंध, केंद्रों को कारण बताओ नोटिस

बालोद/सक्ती। उर्वरक वितरण में अनियमितता पाए जाने पर कृषि विभाग की टीम ने बालोद विकासखण्ड के मेसर्स सार्थक कृषि केन्द्र, बालोद तथा गुरूर विकासखण्ड के मेसर्स हर्ष कृषि केन्द्र, पलारी में उर्वरक विक्रय पर प्रतिबंध लगाए जाने की कार्यवाही की है। इस संबंध में दोनों प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश मिश्रा के मार्गदर्शन एवं उप संचालक कृषि के निर्देशन में जिले में उर्वरक प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। 28 अगस्त 2025 को अनुविभागीय कृषि अधिकारी महेश कुमार, सहायक संचालक कृषि जे.आर. नेताम, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी केशव राम पिस्दा, कृषि विकास अधिकारी टिकेन्द्र कुमार पटेल (गुरूर) एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संनत कुमार भेड़िया द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान वहां अनियमितता का मामला पकड़ में आया जिसके फलस्वरूप उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा उर्वरक (संचालन नियंत्रण) आदेश 1973 में निहित प्रावधानों के तहत यह कार्यवाही की गई।
इसी तरह सक्ती जिले के 3 कृषि विक्रय केंद्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
सक्ती जिले में कृषि विभाग उर्वरकों की गुणवत्ता एवं उनके विक्रय पर निगरानी के लिए निरीक्षण कर रहा है। विकासखण्ड जैजैपुर अंतर्गत हसौद, झरप एवं देवरघटा में संचालित 3 कृषि विक्रय केंद्रों के निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाए जाने पर संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उप संचालक कृषि के मार्गदर्शन में उर्वरक निरीक्षक सह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी मनोहर कुमार रात्रे द्वारा मेसर्स उदय ट्रेडर्स, हसौद, लहरे कृषि केन्द्र, झरप एवं भानू किसान समृद्धि केन्द्र, देवरघटा का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पीओएस स्टॉक एवं भौतिक स्टॉक में अंतर, स्कंध पंजी का संधारण और प्रदर्शन बोर्ड का चस्पा नहीं पाए जाने जैसी अनियमितताएँ पाई गईं। इस पर तीनों विक्रय केंद्र संचालकों को उर्वरक (नियंत्रण) आदेश-1985 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर प्राधिकार पत्र निलंबन की कार्यवाही की जाएगी।
