रिक्शा चालक को हाईकोर्ट से मिला न्याय

बिलासपुर। एक गरीब रिक्शा चालक के खिलाफ झूठी एफआईआर को हाई कोर्ट ने रद्द करने आदेश दिया है। रिक्शा चालक को आरोपी बनाकर उससे 17 हजार वसूले गए। इसके लिए पीड़ित रिक्शा चालक ने पौने तीन साल तक संघर्ष किया।
पीड़ित के वकील ने बताया कि जयप्रकाश रात्रे रिक्शा चालक है। दो नवंबर 2022 को वह अपने घर पर शराब पी रहा था। उसी समय एक पुलिस कांस्टेबल किशोर साहू और सिविल ड्रेस में तीन अन्य कांस्टेबल उसके घर आए और पीड़ित को शराब के साथ सक्ती पुलिस स्टेशन ले गए। किशोर ने उससे 17 हजार रुपए ले लिया। पीड़ित को पुलिस स्टेशन में पैसे लेने तक रोके रखा था। पैसे मिलने के बाद ही उसे छोड़ा गया। उसके खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।उसके खिलाफ आरोप पत्र पौने तीन साल तक प्रस्तुत नहीं किया गया था। इस पर पीड़ित ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
हाईकोर्ट ने प्राथमिकी के अवलोकन के बाद कहा कि प्रथम दृष्टया, याचिकाकर्ता के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। इसलिए याचिकाकर्ता के खिलाफ पुलिस स्टेशन सक्ती में आबकारी अधिनियम के तहत एफआईआर रद्द की जाती है।
