Chhattisgarh
संकट में अब बस्तर का ऐतिहासिक दशहरा परंपरा

जगदलपुर। 610 वर्षों से चली आ रही ऐतिहासिक बस्तर दशहरा की परंपरा इस बार संकट में है। रथ निर्माण के लिए हर वर्ष जंगल से विशेष लकड़ियां लाई जाती हैं, लेकिन इस बार तिरिया गांव की ग्राम सभा ने जंगल से लकड़ी काटने पर रोक लगा दी है। ग्रामीणों ने पर्यावरण संरक्षण का हवाला देते हुए परंपरा में हस्तक्षेप किया है। इससे रथ निर्माण की प्रक्रिया ठप हो गई है। प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए समाधान के प्रयास तेज किए हैं। साथ ही मांझी-चालकों व पुजारियों ने साल में एक बार मानदेय मिलने पर नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि पहले की तरह हर महीने भुगतान किया जाए। वहीं बस्तर को बिलासपुर ज़ोन में शामिल करने की मांग भी उठी है। लोग इसे विकास की दृष्टि से जरूरी मान रहे हैं।
