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स्कूल जाने के दौरान नाले में बही बहन अब स्कूली छात्रों का उठाया बीड़ा

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गरियाबंद। दो साल पहले अपनी बहन के ट्यूब से बाकड़ी पैरी नाला पार करने के दौरान बह जाने पर उसके भाई ने गांव के स्कूली छात्रों को सुरक्षित पार कराने की जिम्मेदारी उठाई है। गौरतलब है कि हेमसिंह नेताम की बहन जमुना 9 वीं में पढती थी। जो नाला पार करने के दौरान अचानक बाढ़ में बह गई थी। इसके बाद हेमसिंह ने पढ़ाई के लिए जाने वाले अन्य छात्र पढ़ाई ही बंद ना कर दे यह सोच कर उसने इस काम की जिम्मेदारी ली। सभी को सुरक्षित नाला पार कराने का बीड़ा उठा लिया। आज दो साल हो गए। रोज 20 छात्र-छात्राएं नाला पार कर नियमित रूप से अपने स्कूल जाते हैं। इस सम्बन्ध में
उपसरपंच बाल किशन सोरी ने बताया कि हेमसिंह के कारण आज बच्चे स्कूल जाते है। स्कूल वाले दिन जरुरी सामान लेकर आने-जाने के समय स्कूली छात्रों को सुरक्षित पार कराता है। बाकड़ी पैरी नाले के पार कमार जनजाति बसाहट वाले जानडीह कौर बोडापाला मौजूद है। बाकड़ी पैरी नाला पर पुल निर्माण की मंजूरी मिलने के बाद भी निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो पाया है। इसके कारण 20 से ज्यादा छात्र-छात्राएं गांव से 4 किमी दूर धवलपुर मिडिल और हाई स्कूल में पढ़ने के लिए जाते हैं। बरसात भर जान जोखिम में डाल नाला पार करते हैं, 2 किमी जंगली रास्ता पैदल तयकर स्कूल पहुंचते हैं। जिस दिन बहाव तेज होता है उस दिन स्कूल नहीं जाते। यह केवल छात्रों की भर परेशानी नहीं है।

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