बारिश से सड़क पर जलजमाव, वीआईपी रोड भी अछूता नहीं

रायपुर। राजधानी के वीआईपी रोड का हाल आज बदहाल नज़र आया। देर रात हुई लगातार बारिश ने ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल दी। इसका आज सुबह देखने लायक था। यहाँ से गुजरने वालों को जलभराव की समस्या से जूझना पड़ा। इसका एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियों में गाड़ियां के चक्के पानी में डूबे नजर आए। जलभराव के चलते लोगों को आवाजाही में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। राजधानी की इस खास सड़क पर जलभराव की स्थिति ने प्रशासन की तैयारी पर सवाल खड़ा कर दिया है। अब इसको लेकर नगर निगम फिर से नालियों को तोड़कर नई नालियां बनाने में जुट जाएगी। लेकिन मूल समस्या की ओर उनका ध्यान शायद ही जाये। यह समस्या केवल हमारे राज्य की नहीं बल्कि यह बारिश में देश की सबसे बड़ी समस्या बन कर सामने आती है। देश के सारे छोटे बड़े शहरों का यही हाल होता है। इसका समाधान निकलने की बजाय लोग इसे अनैतिक कमाई का माध्यम बना लेते है। नालियों को तोड़कर फिर से बनाने भी शामिल है। परन्तु मूल समस्या पर ध्यान नहीं दिया जाता। आज से कुछ सालों पहले जब अपन लोग बहुत छोटे थे । उस दौर में बारिश के पहले नालियों की अच्छे से सफाई हुआ करती थी। और जब बारिश होती थी तब नालियों में पानी कागज के जहाज बनाकर उस दौर के बच्चे छोड़ा करते थे।सा समय यह खेल सभी बड़ा मजा लेकर खेला करते थे। इस पानी में कागज की नाव तेज गति से बहते जाती थी। उस दौर में नालियों में झिल्लियां, प्लास्टिक की बोतले, डिस्पोजल नहीं हुआ करती थी । असल में देश भर में झिल्लियों, प्लास्टिक की बोत्तलें , डिस्पोजल गिलास कप आदि पर पूर्णतः कड़ाई से रोक लगनी चाहिए। हमारे यहाँ रोक लगाने पर निगम के अधिकारी कर्मचारी छोटे छोटे व्यावसायियों पर कार्रवाई जुर्माना कर इतिश्री कर लेते हैं। जहाँ यहाँ प्रोडक्शन होता है वहां इनका वश नहीं चलता। क्यूकि वहां उनके उच्चाधिकारियों मंत्रियों संतरियों की सेटिङ्ग होती है। कोई उद्योगपति किसी मंत्री का करीबी या चहेता होगा। इससे होने वाले भविष्य में नुकसान की अनदेखी भारी पड़ेगी।
