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प्रसूता की मौत, श्वेता अस्पताल पर कार्यवाई की मांग, ग्रामीणों ने खोला मोर्चा

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कोरबा। श्वेता अस्पताल में प्रसूता अंजली सिंह की मौत के बाद अस्पताल पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा की गई कार्यवाई से मृतका के परिजन और ग्रामीण संतुष्ट नहीं हैं। आक्रोशित ग्रामीणों ने उचित न्याय के लिए आरोपी डॉ. और अस्पताल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसको लेकर ग्रामीण आज अस्पताल के सामने प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि डॉक्टर मनीआरो कुजूर को निलंबित कर अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जाए। गौरतलब है कि गोढ़ी गांव निवासी 26 वर्षीय अंजली सिंह को प्रसव के लिए श्वेता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई और 2 जून को इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतका के पति रणजीत ने कहा कि डॉक्टर की लापरवाही से उनकी पत्नी की मौत हुई। उन्होंने बताया कि इलाज की गुहार लगाने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने लापरवाही बरती। उनकी मांग है कि डॉक्टर मनीआरो कुजूर को निलंबित कर श्वेता हॉस्पिटल को हमेशा के लिए बंद किया जाए।
लाइसेंस 15 दिन के लिए निलंबित: स्वास्थ्य विभाग ने श्वेता हॉस्पिटल का लाइसेंस 15 दिनों के लिए निलंबित कर दिया है। कलेक्टर ने मामले की जांच के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बनाई है। यह टीम 7 दिनों में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
ग्रामीणों और परिजनों ने कहा कि- अस्पताल का लाइसेंस रद्द कर हमेशा के लिए बंद किया जाए। जांच कोरबा से बाहर की स्वतंत्र टीम से कराई जाए और पोस्टमार्टम निष्पक्ष रूप से हो। ग्रामीणों ने न्यू कोरबा हॉस्पिटल (NKH) पर भी आर्थिक शोषण और लापरवाही का आरोप लगाते हुए उसे भी बंद करने की मांग की है। अगर 10 दिनों में ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो पूरे जिले में आंदोलन किया जाएगा। .
प्रदर्शन की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। सुरक्षा के लिए अस्पताल परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। .

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