संविधान के हीरक जयंती पर 12 को राज्य स्तरीय परिचर्चा

रायपुर। संविधान के हीरक जयंती वर्ष में समस्त छत्तीसगढ़ राज्य आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी फेडेरेशन के नेतृत्व में 12 मई को शहीद स्मारक भवन रायपुर में राज्यस्तरीय परिचर्चा/आमसभा का आयोजन किया गया है। जिसमें छत्तीसगढ़ अजाक्स, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक विकास संघ, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी कर्मचारी संगठन, सोशल जस्टिस एंड लीगल फाउंडेशन के अधिकारी – कर्मचारी एवं समाजिक संगठनों के प्रांतीय कार्यकारिणी सहित जिला, ब्लाक के पदाधिकारी एवं सदस्य शामिल होंगे। इस आमसभा /परिचर्चा में प्रमुख रूप से सर्व आदिवासी समाज, प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज, गोड समाज,हलबा समाज, कवर समाज, उरांव समाज, गाड़ा समाज, महार समाज, रविदासी समाज, ओबीसी महासभा सहित तमाम अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्ग के सदस्य शामिल होंगे।
विदित हो कि आरक्षित समुदाय के अनुसूचित जाति, जनजाति वर्गों के लिए पदोन्नति में आरक्षण नियम-2003 के पैरा 5 को पुन: अधिसूचित करने एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश 24.02.2025 को पदोन्नति में तत्काल लागू करने, अनुसूचित जाति, जनजाति, व पिछड़े वर्गों के बैकलॉग पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने, जिला व संभाग स्तरीय/स्थानीय भर्ती आरक्षण पर अधिनियम बनाने, राज्य के आरक्षित वर्गों के लिए 2011 से निर्धारित 2.50 लाख आय सीमा को मुक्त करने,फर्जी जाति प्रमाण पत्र धारितों पर सेवा समाप्ति की कार्यवाही कर उन पदों में विशेष भर्ती करने ,एससी एसटी जाति प्रमाण पत्र सरलीकरण, अनुसूचित जाति,जनजाति उपयोजना(निधियों का निर्धारण,आबंटन एवं उपयोगिता) बजट अधिनियम बनाने, छत्तीसगढ़ लोक सेवा (अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण)अधिनियम 1994 का प्रभावी क्रियान्वयन करने,अनुसूचित क्षेत्रों में लंबे समय से पदस्थ आरक्षित वर्ग के शासकीय सेवकों की सामान्य क्षेत्रों में पदस्थापना करने सहित अन्य समाज हित के तमाम संवैधानिक मुद्दों पर शासन, प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराने के लिए एवं इन मुद्दों पर व्यापक विचार- विमर्श हेतु यह राज्यस्तरीय आमसभा/परिचर्चा रखी गई है।
विदित हो छत्तीसगढ़ राज्य में पदोन्नति में आरक्षण विगत 2019 से निष्प्रभावी है जिसे शीघ्र ही पदोन्नति में आरक्षण नियम बनाकर मामले में शासन अविलंब अधिसूचित करें जिससे आरक्षित वर्ग को पदोन्नति मिले और समाज के शिक्षित बेरोजगारों को शासकीय सेवाओं का लाभ मिल सकें, यहीं सभी समाज की ओर से प्रमुख मांगें है। इस अवसर पर राज्यव्यापी संयुक्त जन आंदोलन की घोषणा किए जाने का प्रस्ताव हैं।
