राशन घोटाला जांच समिति ने मांगा राशन दुकानों में बचत और बाजार से खरीदे गए चांवल मात्रा की जानकारी

रायपुर। 219 करोड़ रुपए के राशन चांवल बचत घोटाले को लेकर जांच समिति ने खाद्य संचालनालय से प्रदेश की राशन दुकानों में 2022,2023,2024और वर्तमान में कराए गए भौतिक सत्यापन में पाईं गई बचत और बाजार से खरीदे गए चांवल की जानकारी मांगे जाने से हड़कंप मच गया है। प्रदेश के से जिले के खाद्य अधिकारियों को दोनों जानकारी जिलेवार देने के लिए कहा गया है।
बता दें कि विधान सभा जांच समिति ने खाद्य संचालनालय को दो बिंदु पर जानकारी मांगी है। खाद्य संचालनालय के अनुसार हर साल भौतिक सत्यापन कराए जाने के निर्देश है। इसके पालन में किए गए 2022, 2023, 2024 और वर्तमान में कराए गए भौतिक सत्यापन में पाईं गई मात्रा की जिलेवार,दुकानवार जानकारी मांगी गई है। बताया जाता है कि 48 लाख मीट्रिक टन चांवल 2022 में गायब पाया गया था। इस घोटाले को दबाने के लिए तकनीकी त्रुटि, नियम विपरीत बिना प्रकरण बनाए राजस्व वसूली और बाजार से चांवल खरीद कर रखवाने का भी खेल खाद्य संचालनालय के एक अपर संचालक द्वारा कराया गया है। इस मामले में खाद्य संचालनालय का एनआईसी विभाग भी संदेह के घेरे में है।
खाद्य संचालनालय के सूत्रों ने बताया कि पिछले साल तक भौतिक सत्यापन में तकनीकी त्रुटि का विकल्प था जिसके कारण कम पाए गए चांवल की मात्रा का एजेस्टमेंट हो जाता था। इस बार खाद्य मंत्रालय के सचिव ने भौतिक सत्यापन के निर्देश जारी किए हैं जिसमें भौतिक सत्यापन में तकनीकी त्रुटि का विकल्प ही नहीं है। पिछले साल के भौतिक सत्यापन में बिना राशन दुकान जाए दुकानदार से लिखवा कर सत्यापन कर लिया जाता था।इस बार फूड इंस्पेक्टर का आधार राशन दुकान से लिंक कर दिया गया है। इसके चलते मौके पर जाकर जांच होने से भारी पैमाने पर गड़बड़ी सामने आ रही है। राशन घोटाले के लिए जांच कर रही समिति में शीघ्र ही खाद्य संचालनालय के तत्कालीन संचालक ,अपर संचालक, एनआईसी के अधिकारी,प्रोग्रामर सहित खाद्य विभाग के अधिकारी, इंस्पेक्टर सहित राशन दुकानदारो को भी बयान के लिए बुलाया जाना संभावित बताया जा रहा है।
