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पुरुषों के वर्चस्व वाले पेशे में अनीता गंधर्व की धमक

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रायपुर। राज मिस्त्री का काम अब सिर्फ पुरुषों का क्षेत्र नहीं रहा। बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक के मिट्ठू नवागांव की अनीता गंधर्व ने अपने हौसले और मेहनत की बदौलत यह साबित कर दिखाया है। ईंट, सीमेंट और गारे के बीच अनीता ने अपने जीवन को एक नई मजबूती दी है। आज अनीता न केवल एक कुशल राज मिस्त्री हैं, बल्कि लखपति दीदी के रूप में भी गांव में मिसाल बन चुकी हैं।
अनीता का सफर आसान नहीं था। कभी आर्थिक तंगी से जूझने वाली अनीता ने 2019 में बिहान योजना के वंदना महिला स्व सहायता समूह से जुड़कर अपने सपनों को दिशा दी। यहां उन्हें छोटे-बड़े खर्चों के लिए ऋण मिला, जिससे उन्होंने अपने घर के कई जरूरी काम पूरे किए। फिर ग्रामीण स्व-रोजगार प्रशिक्षण केंद्र (कोनी) में निःशुल्क राज मिस्त्री का प्रशिक्षण प्राप्त कर उन्होंने एक नया रास्ता चुना।
शुरुआत में अनीता को काफी संघर्ष करना पड़ा। लोगों को यह स्वीकार करना मुश्किल था कि एक महिला भी राज मिस्त्री का काम कर सकती है। कई बार उनका मजाक भी बनाया गया। लेकिन स्वच्छ भारत मिशन के तहत जब गांव में शौचालय निर्माण का कार्य शुरू हुआ, तो समूह की दीदियों और बिहान टीम ने उनका उत्साह बढ़ाया और ग्राम सरपंच ने उन पर विश्वास जताते हुए काम का मौका दिया। अनीता ने इस अवसर का लाभ उठाते हुए लगन और मेहनत के साथ शौचालय निर्माण पूरा किया। इसके बाद उन्होंने नल जल योजना और 15 ग्रामीण आवासों के निर्माण का कार्य भी सफलतापूर्वक किया।
आज अनीता न केवल राज मिस्त्री के तौर पर आत्मनिर्भर हैं, बल्कि उन्होंने बैंक लोन और सीआईएफ सहायता से होटल और गुपचुप चाट का व्यवसाय भी शुरू कर लिया है। इन प्रयासों से उनकी आमदनी इतनी बढ़ी कि वे अब लखपति दीदी की श्रेणी में आ गई हैं। अनीता ने अपने सपनों का घर भी खुद अपने हाथों से बनाया, जिससे उन्हें बड़ी आर्थिक बचत हुई।
अब अनीता के इस हौसले से गांव की अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो रही हैं जो राज मिस्त्री का काम सीखने की इच्छुक हैं। अनीता मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और बिहान योजना का आभार व्यक्त करते हुए कहती हैं कि इस योजना ने उनकी जिंदगी को नई दिशा दी है और उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का अवसर प्रदान किया है।

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