गाय की विलुप्तता मानव समाज को निगल जाएगी-आचार्य झम्मन शास्त्री

00 हमें प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने की आवश्यकता है
रायपुर। गौ माता का संरक्षण आज निहायत ही जरूरी हो गया है। गाय की विलुप्तता मानव समाज को निगल जाएगी। भक्ति मार्ग व गौ माता के संबंधों को उल्लेखित करते हुए बताया गया है कि गौ माता की सेवा करने वाले नंद बाबा के घर भगवान स्वंय अवतरित हो सकते हैं तो हमारे आपके के जीवन में सुख शांति व समृद्धि के लिए आज गौ माता की सेवा जरूरी है। हमें प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। अग्रोहा कालोनी श्री विष्णुभवन में चल रही श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के अंतर्गत आचार्य पंडित झम्मन शास्त्री ने अपने मुखारविंद से भक्ति मार्ग और गौ माता की सेवा के संबंध में लोगों को कथा सुनाते हुए महत्व बताया। वृंदावन धाम में नंद उत्सव भी धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर बच्चों ने दही, मक्खन लूट महिला और पुरुषों ने प्रभु के जन्म अवसर पर नाच कर भक्ति रस पाने का प्रयास किया।
शास्त्री जी ने कहा कि राजा ऐसा होना चाहिए। जिससे राज्य सुख शांति और भय मुक्त जीवन व्यतीत करें। ऐसे राजाओं को स्वर्ग में जगह मिलता है। इंद्रदेव को भी अपनी गद्दी समय-समय पर त्यागनी पड़ी। लेकिन आज के राजा सत्तासीन लोग अपनी गद्दी बचाने तरह-तरह के कार्य कर रहे हैं .उन्होंने कहा कि यदि लोग गौ माता का संरक्षण नहीं करेंगे। मान कर चलिए गाय की विलुप्तता मानव समाज को निगल जाएगी। जो लोग गौ माता का आदर करते हैं और उनकी सेवा करते हैं। उनके घर भगवान स्वयं पुत्र बनकर अवतरित होते हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण नंद बाबा है। राज धर्म के बारे में बताते हुए महाराज श्री ने कहा कि भक्ति मार्ग और गौ माता की सेवा के संबंध में महत्व बहुत है। आज कुछ लोग व्यास पीठ के महत्व नहीं समझ पा रहे है। भागवत श्रद्धा का विषय है। इसे शुद्ध हृदय से सांसारिक बंधनों को छोड़कर सुनना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि श्रीमद् भागवत कथा को सुनने और सुनाने वाले दोनों को इसके प्रति अटूट आस्था और प्रेम होना चाहिए। तभी आयोजन की सार्थकता है। व्यास जी कथा वाचक ने कहा कि हमें प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने की आवश्यकता है एवं सप्ताह में एक दिन सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ हो कथा के बीच मे वृंदावन धाम में नन्द उत्सव भी धूमधाम से मनायागया इस मौके पर बच्चो ने दही मक्खन लूटकर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया पंजीरी, पंचामृत ,माखन मिश्री,का प्रसाद बांटी गई।
