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छतों से बिजली उत्पादन कर रहे उपभोक्ता

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रायपुर। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में वृहद पैमाने पर पीएम सूर्य घर मुक्त बिजली योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। जिसका लाभ उठाकर लोग अपने घरों की छत पर सोलर सिस्टम लगाकर विद्युत उत्पादक बन रहे हैं। सोलर सिस्टम से अतिरिक्त बिजली, विद्युत विभाग के ग्रिड में ट्रांसफर होकर बिल से समायोजित हो जाती है, जिससे उपभोक्ताओं को सीधी बचत होती है।

छतों से बिजली उत्पादन कर रहे उपभोक्ता
यहां यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप भारत सरकार ने आवासीय घरों को अपनी बिजली पैदा करने के लिए सशक्त बनाने के लिए 29 फरवरी 2024 को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को मंजूरी दी थी। पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में 2 किलोवाट क्षमता तक की प्रणालियों के लिए सौर इकाई लागत का 60 प्रतिशत और 2 से 3 किलोवाट क्षमता के बीच की प्रणालियों के लिए अतिरिक्त प्रणाली लागत का 40 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है। सब्सिडी की सीमा 3 किलोवाट क्षमता तक सीमित रखी गई है। वर्तमान में 1 किलोवाट प्रणाली के लिए 30,000 रुपये, 2 किलोवाट प्रणाली के लिए 60,000 रुपये तथा 3 किलोवाट या उससे अधिक प्रणाली के लिए 78,000 रुपये की सब्सिडी लाभार्थियों को दी जाती है। इस योजना का उद्देश्य लाभार्थी को हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देना है।

छतों से बिजली उत्पादन कर रहे उपभोक्ता
रायगढ़ के कोड़ातराई निवासी श्री जय नारायण चौधरी ने जनवरी 2025 में 3 किलोवॉट का सोलर सिस्टम लगवाया, जिस पर 1.90 लाख का खर्च आया। इस योजना के तहत उन्हें 78 हजार रुपए की सब्सिडी मिली, जो 15 दिनों में खाते में आ गई। पहले उनका मासिक बिजली बिल 2000 से 2500 रूपए आता था, लेकिन सोलर सिस्टम लगने के बाद पहला बिल सिर्फ 10 रूपए आया। फरवरी में 325 यूनिट बिजली उत्पादन में से 232 यूनिट खुद इस्तेमाल की और 93 यूनिट ग्रिड में ट्रांसफर कर दी, जिससे बिल माइनस में आ गया।
गौरतलब है कि 3 किलोवॉट सोलर सिस्टम से महीने में औसतन 300 यूनिट बिजली उत्पन्न होती है, जिससे सालभर में लगभग 25,920 रूपए की बचत हो सकती है। इसकी 25 वर्ष की लाइफ में लगभग साढ़े चार साल में लागत की वसूली हो जाती है। इसके बाद उपभोक्ता लगातार 20 वर्षों तक मुफ्त बिजली का लाभ उठा सकते हैं। सरकार की ओर से सब्सिडी के तहत 3 किलोवॉट या उससे अधिक क्षमता पर 78,000 रूपए तक सहायता मिलती है। इसके लिए बैंकों से आसान लोन की सुविधा भी उपलब्ध है। योजना का लाभ लेने के लिए नजदीकी विद्युत विभाग के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

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