कांकेर सांसद ने लोकसभा में मिशनरियों द्वारा आदिवासियों के धर्मान्तरण पर कठोर कानून बनाकर संरक्षण की मांग

कांकेर। लोकसभा कांकेर के सांसद भोजरण नाग ने संसद में अपने लोकसभा क्षेत्र में हो रहे धर्मान्तरण पर चिंता व्यक्त करते हुए लोकसभा में धर्मान्तरण पर कठोर कानून की मांग करते हुए कहा कि अनुच्छेद 341 में धर्मान्तरित व्यक्ति को आरक्षण का लाभ नही मिलता है, वैसा ही प्रावधान अनुच्छेद 342 में होना चाहिये, की धर्मान्तरण करने वाले व्यक्ति को आदिवासी भाइयो को मिलने वाला आरक्षण का लाभ न मिले। जिससे कि उनके अधिकारों का हनन न हो एवं क्षेत्रीय एवं सामाजिक संतुलन बना रहे। सांसद की की इस मांग का विभिन्न संगठनों ने स्वागत किया एवं जल्द जल्द कानून बनने की आशा जताई।
कांकेर सांसद भोजरण नाग को पहली बार लोकसभा में बोलने का अवसर मिलने पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि वह वनांचल बस्तर से आते हैं, जिसकी संस्कृति पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इस प्राचीन संस्कृति को वहां व्याप्त मिशनरियों द्वारा छिन्न-भिन्न किया जा रहा है, जिससे जनजातीय संघर्ष पैदा हो रहा है। लगातार हो रहे धर्मान्तरण से आपसी तनाव पैदा हो रहा है, जिस पर समय रहते लगाम लगाना अत्यंत आवश्यक है। सांसद भोजरण नाग ने कहा कि वे लगातार इस मुद्दे को अपने स्तर में उठाते रहे हैं। धर्मान्तरण से आदिवासी संस्कृति को गहरा आघात लगा है। भोले-भाले आदिवासी भाइयों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभनों से धर्मान्तरित किया जा रहा है। जिससे उनके विभिन्न संस्कार जैसे जन्म, विवाह, मृत्यु संस्कार आदि के समय विवाद की स्थिति उत्पन्न होती है। आगे उन्होंने धर्मान्तरण पर कठोर कानून की मांग करते हुए कहा कि अनुच्छेद 341 में धर्मान्तरित व्यक्ति को आरक्षण का लाभ नही मिलता है वैसा ही प्रावधान अनुच्छेद 342 में होना चाहिये, की धर्मान्तरण करने वाले व्यक्ति को आदिवासी भाइयो को मिलने वाला आरक्षण का लाभ न मिले। जिससे कि उनके अधिकारों का हनन न हो एवं क्षेत्रीय एवं सामाजिक संतुलन बना रहे।
