सरकार 37 वर्षों से प्रबंधकों का शोषण कर रही, नियमितीकरण के अलावा दूसरा कोई विकल्प हमे मंजूर नहीं – राकेश

दंतेवाड़ा। बस्तर संभाग सहित पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़ लघु वनोपज प्रबंधक संघ की सात सूत्रीय मांगों में नियमितिकरण की प्रमुख मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल आज रविवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। लघु वनोपज प्रबंधक संघ का दावा है कि हड़ताल से प्रदेश के 52 लाख लघु वनोपज संग्राहकों पर इसका असर पड़ेगा। छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ की प्रमुख मांग प्रबंधकों के नियमितिकरण की है. इसके अलावा 7, 8, 9 ग्रेड पे नहीं मिलने से भी छत्तीसगढ़ लघु वनोपज प्रबंधक संघ नाराज है। प्रबंधक पिछले 37 सालों से 14 लाख लघु वनोपज संग्रहणकर्ता परिवारों को शासन की योजनाओं का फायदा पहुंचा रहे हैं। इसमें मुख्य रूप से तेंदुपत्ता संग्रहण, भुगतान, बोनस का वितरण,14 लाख परिवारों का बीमा, छात्रवृत्ति, 65 प्रकार के लघु वनोपज का न्यूनतम दर पर संग्रहण शामिल है।
छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ के जिला अध्यक्ष राकेश कवासी ने कहा कि लघु वनोपज संग्रहण में पूरे देश मे छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर है। लघु वनोपजों के संग्रहण में प्रदेश सरकार को 13 राष्ट्रीय अवार्ड भी मिले हैं। लघु वनोपज संघ का कहना है कि सरकार 37 वर्षों से प्रबंधकों का शोषण कर रही है। अब हमारे पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है, अब नियमितीकरण के अलावा दूसरा कोई विकल्प हमे मंजूर नहीं है।
