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पूर्व सीएम बघेल, विधायक यादव व अफसरों के यहां सीबीआई का छापा,तलाशी कार्यवाही जारी

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00 महादेव ऑनलाइन सट्टा प्रकरण में 60 से अधिक ठिकानों पर की गई है छापेमारी
00 तलाशी के दौरान मिले आपत्तिजनक डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य जब्त किया गया
रायपुर। महादेव ऑनलाइन सट्टा प्रकरण में सीबीआई ने बुधवार छत्तीसगढ़ समेत भोपाल,कोलकाता और दिल्ली में छापेमारी की है। करीब डेढ़ साल की चुप्पी के बाद सीबीआई की पहली कार्रवाई है। प्रकरण की ईडी जांच कर रही थी, और फिर ईडी ने प्रकरण सीबीआई के हवाले कर दिया था। पूर्व सीएम भूपेश बघेल, कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव, छह पुलिस अफसरों समेत 14 लोगों के 60 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की है। इनमें दो आईजी, एक डीआईजी, एक एआईजी, दो एएसपी स्तर के अफसर शामिल हैं। सीबीआई ने स्पष्ट किया है कि,कार्यवाही अब भी जारी है।
सीबीआई की टीम आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा, आरिफ शेख, और डीआईजी प्रशांत अग्रवाल व अभिषेक पल्लव के निवास पर भी दबिश दी। अग्रवाल, और पल्लव का भिलाई में निवास है। रायपुर में आईजी डॉ. छाबड़ा के देवेन्द्र नगर स्थित निवास पर टीम पहुंची। इसके अलावा एएसपी संजय ध्रुव, और अभिषेक माहेश्वरी के यहां भी सीबीआई ने छापेमारी की है।
माहेश्वरी का भावना नगर स्थित मकान में टीम पहुंची थी, लेकिन वो नहीं थे। उनका घर सील कर दिया गया। यही नहीं, पूर्व सीएम के ओएसडी मनीष बंछोर और आशीष वर्मा के यहां भी सीबीआई ने छापेमारी की है। जेल में बंद रिटायर्ड आईएएस अनिल टूटेजा, और सौम्या चौरसिया के यहां भी सीबीआई ने दबिश दी है। केपीएस स्कूल के डायरेक्टर निशांत त्रिपाठी के यहां भी सीबीआई ने छापेमारी की है।
* लोक सेवकों को सुरक्षा धन मिलने की जांच
सीबीआई के प्रेस नोट में यह उल्लेख है कि, सीबीआई ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल के कोलकाता, मध्यप्रदेश के भोपाल के अलावा छत्तीसगढ़ में साठ स्थानों पर छापा मारा है। ये साठ परिसर, राजनेताओं, वरिष्ठ नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों, महादेव बुक के प्रमुख पदाधिकारियों और मामले में शामिल होने के संदिग्ध अन्य निजी व्यक्तियों के परिसर (घर/मकान) शामिल हैं। सीबीआई इन छापों से यह तथ्य जुटा रही है कि, इन व्यक्तियों ने जिनके यहां पर छापे पड़े हैं उन्होंने अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क के संचालन के लिए सुरक्षा धन लिया या नहीं और लिया तो किस तरह लिया और कितना लिया।
सीबीआई की ओर से जारी प्रेस नोट में यह विशेष तौर पर उल्लेख है कि आखिर यह मामला सीबीआई के पास छत्तीसगढ़ की एजेंसी से क्यों आया। सीबीआई के प्रेस नोट में उल्लेख है कि प्रारंभ में ईओडब्लू रायपुर द्वारा पंजीकृत मामले को बाद में राज्य सरकार ने इसलिए सीबीआई को सौंपा ताकि वरिष्ठ सार्वजनिक अधिकारियों और अन्य आरोपी व्यक्तियों की भूमिका की व्यापक जांच हो सके।
* सीबीआई का दावा
प्रेस नोट के अंतिम हिस्से में यह दावा सीबीआई ने किया है कि, तलाशी के दौरान आपत्तिजनक डिजिटल और दस्तावेजी साक्ष्य पाए गए और उन्हें जब्त कर लिया गया है। सीबीआई ने तलाशी कार्यवाही जारी रहने की बात लिखी है।

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