29 लाख के इनामी एओबी डिवीजन व पामेड़ एरिया कमेटी में सक्रिय 19 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

बीजापुर। जिले में चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत डीआरजी, बस्तर फाईटर, एसटीएफ, कोबरा व केरिपु बल के द्वारा किये जा रहे संयुक्त प्रयासो से तथा छग. शासन की पुनर्वास एवं आत्मसर्पण नीति व शासन द्वारा चलाये जा रहे “नियद नेल्ला नार” योजना एवं अंदरूनी नक्सल प्रभावित इलाकों में लगातार नवीन सुरक्षा कैंपों के स्थापना से सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव के फलस्वरूप एओबी डिवीजन सहित पामेड़ एरिया कमेटी में सक्रिय 29 लाख के इनामी 19 नक्सलियों ने आज सोमवार को बीजापुर पुलिस उप महानिरीक्षक केरिपु देवेन्द्र सिंह नेगी, बीजापुर पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र कुमार यादव, के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों में पीएलजीए बटालियन के सदस्य, पीपीसीएम, एसीएम, एओबी डिवीजन,और मिलिशिया कैडर के नक्सली शामिल हैं। सभी अत्मसमर्पित नक्स्लियों को 25-25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आत्मसमर्पित नक्सलियों में देवा पदम पिता स्व. लखमू पदम निवासी कोरसागुड़ा पदमपारा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर, पदनाम- बटालियन नम्बर 1 पीपीसीएम, ईनामी 8 लाख, वर्ष 2007 से सक्रिय, दुले कलमू पति देवा पदम निवासी कोरसागुड़ा पदमपारा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर, पदनाम बटालियन नम्बर 1 के कंपनी नम्बर 1 की पार्टी सदस्य, ईनामी 8 लाख, वर्ष 2018 से सक्रिय, सुरेश कट्टाम पिता स्व. सुरैया कट्टाम निवासी नेलाकांकेर, स्कूलपारा थाना उसूर जिला बीजापुर, पदनाम एसीएम, ईनामी 5 लाख, वर्ष 2020 से सक्रिय, सोनी पूनेम पिता बिच्चेम पूनेम निवासी कोरसागुड़ा स्कूलपारा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर, पदनाम एओबी डिवीजन अन्तर्गत प्लाटून नम्बर 1 पार्टी सदस्या, ईनामी 2 लाख, वर्ष 2013 से सक्रिय, नारायण कट्टाम पिता सुरैया कट्टाम उम्र 35 वर्ष निवासी नेलाकांकेर स्कूलपारा थाना उसूर, पदनाम कमलापुर आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष, ईनामी 1 लाख, वर्ष 2007 से सक्रिय, अंदा माडवी पिता हड़मा माड़वी निवासी कमलापुर थाना उसूर, पदनाम कमलापुर आरपीसी मिलिशिया प्लाटून कमाण्डर, ईनामी 1 लाख, वर्ष 2001 से सक्रिय, बामी कुहरामी पिता पाण्डू कुहरामी निवासी कमलापुर पाउरगुड़ा थाना उसूर, पदनाम कमलापुर आरपीसी डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनामी 1 लाख, वर्ष 1996 से सक्रिय, शंकर कड़ती पिता कन्ना कड़ती निवासी लिंगापुर स्कूलपारा थाना उसूर, पदनाम लिंगापुर आरपीसी डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनामी 1 लाख, वर्ष 2020 से सक्रिय, मुन्ना पोडिय़ाम पिता चिन्नाबी पोडिय़ाम निवासी मारूड़बाका स्कूलपारा थाना उसूर, पदनाम मारूड़बाका आरपीसी डीएकेएमएस अध्यक्ष, ईनाम 01.00 लाख, वर्ष 2002 से सक्रिय, नागा कटटम पिता लच्छा कटटम निवासी कमलापुर थाना उसूर, पदनाम कमलापुर आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 2016 से सक्रिय, मल्ला कुंजाम पिता मुत्ता कुंजाम निवासी मारूड़बाका बंजारीपारा थाना उसूर, पदनाम मारूड़बाका आरपीसी जनताना सरकार सदस्य, वर्ष 2011 से सक्रिय, नरसिंह राम पोडिय़ाम पिता लक्ष्मैया निवासी उड़तामल्ला पटेलपारा थाना पामेड़ पदनाम कंचाल आरपीसी मिलिशिया प्लाटून डिप्टी कमांडर, वर्ष 2001 से सक्रिय, शंकर माड़वी पिता सुंदर माड़वी निवासी कमलापुर जोनागुड़ा पारा थाना उसूर, पदनाम कमलापुर आरपीसी जनताना सरकार सदस्य, वर्ष 2001 से सक्रिय, लखमा ताती पिता राजू ताती निवासी कमलापुर पाउरगुड़ा थाना उसूर, पदनाम- कमलापुर आरपीसी जनताना सरकार सदस्य, वर्ष 1996 से सक्रिय, पाण्डू माड़वी पिता देवा माड़वी निवासी कमलापुर जोनागुडापारा थाना उसूर, पदनाम- कमलापुर आरपीसी मिलिशिया प्लाटून ए सेक्शन डिप्टी कमाण्डर, वर्ष 2006 से सक्रिय, जोगा सोढ़ी पिता हूंगा सोढ़ी निवासी कमलापुर पाउरगुड़ा थाना उसूर जिला बीजापुर पदनाम कमलापुर आरपीसी जनताना सरकार सदस्य, वर्ष 1996 से सक्रिय, पिडग़ा कटटम पिता स्व. लच्छा कट्टाम निवासी कमलापुर, पदनाम कमलापुर आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 1996 से सक्रिय, एर्रा सोढ़ी पिता स्व. लच्छा सोढ़ी निवासी कमलापुर मोडियमपारा थाना उसूर, पदनाम कमालापुर आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 1996 से सक्रिय, एवं चिन्नाबी काका पिता नरसा काका निवासी मारूड़बाका बंजारीपारा थाना उसूर, पदनाम मारूडबाका आरपीसी डीएकेएमएस सदस्य, वर्ष 2005 से सक्रिय, ने आत्मसमर्पण कर दिया है।
बीजापुर के पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र कुमार यादव ने नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि वे सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों। उन्होंने बताया है कि सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मिलने वाले फायदों ने कई नक्सलियों को आकर्षित किया है। नक्सलियों के घर वाले भी उन्हें वापस लाना चाहते हैं, और उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने कहाा कि वे बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और झूठी नक्सली विचारधारा से बाहर निकलें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हों, जहां वे निर्भीक रूप से सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें।
