हाईकोर्ट में 17 मार्च से लागू होंगे नये रोस्टर

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में न्यायिक कार्यों के सुचारु संचालन के लिए 17 मार्च से नए रोस्टर लागू किए जाएंगे। इस बदलाव के तहत 4 डिवीजन बेंच और 13 सिंगल बैंच में न्यायाधीशों के कार्यों का विभाजन किया गया है। हाईकोर्ट प्रशासन ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है।
हाईकोर्ट में इस बार चार डिवीजन बेंच का गठन किया गया है. जिनमें विभिन्न प्रकार के मामलों की सुनवाई होगी। डिवीजन बेंच एक में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल होंगे। इस पीठ में लोकहित याचिकाओं (पीआईएल), रिट अपीली, बंदी प्रायक्षीकरण याचिकाओं। हैवियस कार्यस), आपराधिक संदर्भ मामलों, कर संबंधी मामलों एवं अन्य महत्वपूर्ण संवैधानिक मामलों की सुनवाई होगी।
डिवीजन बेंच दो में जस्टिस संजय के. अग्रवाल एवं जस्टिस संजय कुमार जायसवाल होंगे। इस पीठ की 2021 से संबंधित आपराधिक अपीलों, आपराधिक अवमानना याचिकाओं, धारा 482 दड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) तथा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएनएस) के एफआईआर निरस्तीकरण से संबंधित मामलों की सुनवाई का अधिकार दिया गया है।
डिवीजन बेंच तीन में जस्टिस संजय अग्रवाल एवं जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल होंगे। इस पीठ में कर मामलों से संबधित रिट अपीले, व्यावसायिक अपीलीय खंडपीठ (कमर्शियल अपील बेंच के अंतर्गत आने वाले वाणिज्यिक विवादी एवं दीवानी मामलों की सुनवाई होगी।
डिवीजन बेच चार में जस्टिस रजनी दुबे एवं जस्टिस सचिन सिंह राजपूत होंगे। उस पीठ में 2019 से 2020 तक की आपराधिक अपीले, विशेष रूप से सौंपे गए मामले एवं संवैधानिक न्यायाधिकरणों (ट्रिब्यूनल्स) के आदेशों के विरुद्ध अपीलों की सुनवाई होगी।
हाईकोर्ट में कुल 13 सिंगल बेच पुनर्गठित की गई है, जिनमें विभिन्न प्रकार के दीवानी, फौजदारी, सेवा एवं कर मामलों की सुनवाई होगी।
सिंगल बेच एक में जस्टिस संजय के अडवात मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम के तहत मामलों, थारा 482 सीआरपीसी एवं बीएनएनएस से संबंधित मामलों की सुनवाई करेंगे।
सिंगल बेच दो में जस्टिस संजय अग्रवाल 2013 से 2017 तक की आपराधिक पुनरीक्षण याचिकाएं एवं 2022 से 2024 तक के आपराधिक अपीलों की सुनवाई करेंगे।
सिंगल बेच तीन में जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू 2017 से 2021 तक की सेवा से जुड़ी याचिकाएं एवं वाहन दुर्घटना दावों से संबधित अपीलों की सुनवाई करेंगे।
सिंगल बेंच चार में जस्टिस रजनी दुबे 2017 में 2019 तक की सेवा याचिका एवं दीवानी अपीलों की सुनवाई करेंगी।
सिंगल वेच पांच में जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास 2020 तक के दीवानी पुनरीक्षण (सिविल रिवीजन) एवं 2022 से 2024 तक की आपराधिक अपीलों की सुनवाई करेंगे।
छठे सिंगल बेंच में जस्टिस नरेश कुमार चंदवशी 2013 से 2022 तक की दीवानी अपीले एवं अन्य असाइन किए गए मामलों की सुनवाई करेंगे।
सातवें जिंगल बेंच में जस्टिस दीपक कुमार तिवारी 2015 से 2018 तक की दीवानी अपीलें एवं सेवा मामलों की सुनवाई करेंगे।
आठवें सिंगल बेंच में जस्टिस सचिन सिंह राजपूत 2022 से संबंचित नई सेवा याचिकाएं एवं विशेष मामलों की सुनवाई करेंगे।
नीचे सिंगल पेंच में जस्टिस राकेश मोहन पाडेय 2019 से 2021 तक की दीवानी अपील एवं विशेष रूप से सौंपे गए सामले सुनेंगे।
दसवें सिंगल बेंच में जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल सभी प्रकार की जमानत याचिकाजों एवं विशेष मामलों की सुनवाई करेंगे।
11वें सिंगल बेच में जस्टिस संजय कुमार जायसवाल अनुसूचित जाति-जनजाति आपाचार निवारण अधिनियम से जुड़े अपीलों की सुनवाई करेंगे।
12वें सिंगल बैंच में जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा दीवानी अपीले एवं 2017 के बाद के आपराधिक पुनरीक्षण मामले सुनेंगे।
13वें सिंगल बेंच में जॉस्टेस विभु दत्ता गुरु 2021 से संबंधित सभी प्रकार की आपराधिक अपीलें एवं सेवा मामलों की सुनवाई करेंगे।
इसके अलावा जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में विशेष पीठ (स्पेशल बंच) का गठन किया गया है, जी विशेष मामलों की सुनवाई करेगी। सभी प्रकार के अवमानना याचिकाओं एवं एफआईजार निरस्तीकरण से जुड़े मामलों को अलग-अलग बेंचों में विभाजित किया गया है। नया रोस्टर 17 मार्च 2025 से प्रभावी रहेगा और अगले आदेश तक लागू रहेगा।
