नक्सल प्रभावित कोहकवाड़ा व तोड़मा गांव के 8 परिवार के 17 सदस्यों को नक्सलियों ने गांव से किया बेदखल

दंतेवाड़ा। जिले के बीजापुर-नारायणपुर जिले की सरहद पर बसे नक्सल प्रभावित अंदरूनी 2 गांव कोहकवाड़ा और तोड़मा गांव के 8 परिवार के 17 से ज्यादा सदस्यों को नक्सलियों ने गांव से बेदखल कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार दो दिन पहले इन दोनों गांव में लगभग 40 से 50 की संख्या में हथियारबंद नक्सली पहुंचे थे। फिर जनअदालत लगाकर कोहकवाड़ा के 6 और तोड़मा के 2 परिवार पर आरोप लगाया कि ये पुलिस के मुखबिर हैं, यदि गांव नहीं छोड़े तो जान से मारने की धमकी देते हुए कहा गया कि इन्हीं की वजह से थुलथुली मुठभेड़ में 38 नक्स्लियों को सुरक्षाबलों ने मारा है। गांव से निकाले जाने के बाद सभी ग्रामीण अपना घर, खेती, पशु छोड़कर अपने परिचितों के पास रहने की व्यवस्था कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि ये सभी बेदखल 8 परिवार बस्तर और दंतेवाड़ा जिले के गांव में अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। परिवार के सदस्य काफी डरे हुए हैं।सुरक्षाबलों की लगातार जारी कार्यवाही में जहां एक ओर नक्सली संगठन के कमजोर पडऩे का दावा किया जा रहा है, वहीं नक्सल प्रभावित अंदरूनी इलाके में नक्सलियों की दहशत अब भी बरकरार है, 8 परिवार के बेदखल के बाद गांव के अन्य परिवारों में भी दहशत व्याप्त है। दूसरी ओर पीडि़त ग्रामीण ने कहा कि नक्सलियों ने हम पर जो आरोप लगाया है वह गलत है। उन्होंने हमसे कहा कि हम उनकी सूचना पुलिस को देते हैं, पुलिस के लिए काम करते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। हम सिर्फ खेती-किसानी कर अपना परिवार चलाते हैं। नक्सली झूठा आरोप लगाकर हमें परिवार समेत गांव से निकाल दिए हैं।
विदित हो कि अक्टूबर 2024 में पुलिस फोर्स ने दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिले की सरहद पर स्थित नेंदुर और थुलथुली में कुल 38 माओवादियों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इनमें 31 के शव जवानों ने बरामद किए थे। अन्य 7 के शव नक्सली अपने साथ लेकर चले गए थे।
दंतेवाड़ा एएसपी आरके बर्मन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि इंद्रावती नदी पार बसे गांव के 8 परिवार गांव छोड़कर आए हैं। इन ग्रामीणों ने पूछताछ में बताया कि नक्सलियों ने गांव छोडऩे का फरमान जारी किया था। ये सभी अपने रिश्तेदारों के घर चले गए हैं। नक्सली जनअदालत लगाए थे या नहीं यह स्पष्ट नहीं है, हम जानकारी ले रहे हैं।
दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि लगातार चल रहे नक्सल विरोधी अभियान में नक्सलियों के बड़े लीडर मारे जा रहे हैं, और बहुत से बड़े लीडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। जिसकी वजह से नक्सली बौखलाए हुए हैं और भोले-भाले ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं। उन्होने कहा कि गांवों का विकास हो रहा है, गांव में रोड, पानी, बिजली स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधा जिला और पुलिस प्रशासन करवा रहा है। जिसके कारण नक्सलियों का अस्तित्व खतरे में है, इसी वजह से नक्सलियों ने 8 परिवारों को गांव से बेदखल करने का फरमान सुनाया है। पुलिस प्रशासन इन परिवारों को पूरी सुरक्षा दे रहा है, यह परिवार 10 साल पहले कोडेनार के गीदम में रहा करते थे, सभी परिवारों को पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन हर सुविधा मुहैया करवाएगा।
