रायपुर से लगभग 200 किलोमीटर दूर से पहुंच कर बंजारे ने किया रक्तदान

00 रेयर ब्लड ग्रुप बांबे होने की वजह से परिजनों को हो रही थी परेशानी
रायपुर। एम्स हॉस्पिटल रायपुर में बिलासपुर निवासी भर्ती एक महिला मरीज भर्ती को बॉम्बे ब्लड ग्रुप की आवश्यकता होने पर उनके घर वालो के माध्यम से कॉल आया । उनके घर वालो ने बताया कि मरीज का ब्लड ग्रुप बहुत ही रेयर है जिसकी वजह से डोनर नहीं मिल पा रहा है। फिर महासमुंद जिले के बलौदा थाने में पोस्टिंग आरक्षक अमित बंजारे जिनका ब्लड ग्रुप बॉम्बे ब्लड ग्रुप है उनको कॉल किया गया। रायपुर से लगभग 200 किलोमीटर दूर से अमित बंजारे ने एम्स हॉस्पिटल रायपुर में आकर अपना पांचवी बार रक्तदान किया। इसके पूर्व में भी उनके द्वारा रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल , एमएमआई नारायणा हॉस्पिटल में भी रक्तदान किया गया है।
बॉम्बे ब्लड ग्रुप में H एंटीजन की कमी होती है. इसका मतलब यह है कि इन व्यक्तियों का खून किसी भी सामान्य ABO ब्लड ग्रुप (A, B, AB, O) में फिट नहीं आता है, इसी वजह से यह बेहद रेयर ग्रुप है। बॉम्बे ब्लड या hh ब्लड ग्रुप एक दुर्लभ रक्त फेनोटाइप है जिसे सबसे पहले मुंबई (तब बॉम्बे कहा जाता था) में खोजा गया था । इसकी खोज 1952 में डॉ. वाईएम भेंडे ने की थी। यह रक्त फेनोटाइप ज़्यादातर भारत, बांग्लादेश, पाकिस्तान और मध्य पूर्व क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पाया जाता है। बम्बई रक्त समूह (Hh blood group), रक्त का एक अनूठा प्रकार है जो लगभग एक लाख व्यक्तियों में १ व्यक्ति में पाया जाता है।
