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श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर में भजनों पर झूमे श्रद्धालु

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रायपुर। महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर श्री चिंताहरण हनुमान मंदिर चौबे कालोनी में सुंदरकाण्ड पाठ, भजन संध्या का आयोजन किया गया जिसमें मशहूर भजन सम्राट विनय अग्रवाल एण्ड पार्टी के द्वारा प्रस्तुत भजनों पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए और जमकर झूमे।
हे मारूती नंदन सुन ले मेरी पुकार, छोटो सो बंदर हद करिग्यो-सवामणी का लड्डू सारा चट करिग्यो, भोले की आई है बारात, मेरे भोले बाबा सभी देवों के राजा, जय हो सालासर धाम की, हनुमान है जिसका नाम वो ही आयेंगे तेरे साथ, मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे जैसे दर्जनों भजन के साथ खचाखच भरे परिसर को झूमने पर मजबूर कर दिया। विनय अग्रवाल ने भजनों के साथ भावार्थ के जरिए चौपाई का सुंदर बखान भी किया। उन्होंने कहा कि हनुमान जी कलयुग के देवता है जिन्हे प्रसन्न करना ज्यादा कठिन कार्य नहीं है। मन में राम या हनुमान का जाप करने से ही कष्टों का निवारण हो जाता है। श्री रामचरितमानस का पंचम सोपान सुंदरकाण्ड है। इसमें 3 श्लोक, 2 छन्द, 58 चौपाई, 60 दोहे और लगभग 6241 शब्द है।
जासुराम जपि सुनहु भवानि। भव बंधन कारहिं नर ग्यानी
तासु दूत कि बंध तरू आवा। प्रभु कारण लगि पपिहि बंधावा
अर्थात महादेव जी कहते है हे पार्वती। सुनो, जिनके नाम का जप करने से ज्ञानी लोग भव बंधन को काट देते है। उस प्रभु का दूत (हनुमान जी) भला बंधन में कैसे आ सकता है। परंतु अपने प्रभु के कार्यों के लिए हनुमान जी ने अपने आप को बंधा लिया। कई बार लोग किसी काम को पूरी मेहनत और लगन से करते हैं लेकिन वो काम बनते-बनते बिगड़ जाता है अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता है तो सिर्फ एक चौपाई के जाप से आपका काम बन सकता हैं। यह चौपाई सुंदर काण्ड में दी गई है।
प्रबिसि नगर कीजे सब काजा। हृदयँ राखि कोसलपुर राजा॥
गरल सुधा रिपु करहिं मिताई। गोपद सिंधु अनल सितलाई॥
भावार्थ – किसी भी काम की करने से पहले प्रभु श्रीराम का स्मरण करने से सफलता मिलेगी। जो भी ऐसा करता है उसके लिए विष भी अमृत हो जाता है, शत्रु मित्र बन जाता है, समुद्र गाय के खुर के बराबर हो जाता है, अग्नि में शीतलता आ जाती है।
आयोजक रीना हेमंत जैन ने बताया कि महाशिवरात्रि पर मंदिर में सुबह रूद्राभिषेक, पूजा-अर्चना के साथ ही पूरे मंदिर परिसर को आकर्षक फूलों से सजाया गया। तत्पश्चात फलिहार व भंडारा का आयोजन किया गया था जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद का आनंद लिया। उसके बावजूद काफी मात्रा में बचे भोजन प्रसादी को स्टेशन परिसर में रात्रि 11 बजे वितरित किया गया।

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