बिलासपुर नगर निगम में 3 वर्षों में प्राप्त हुई अवैध निर्माण की 251 शिकायतें
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रायपुर। बिलासपुर नगर निगम में 3 वर्षों में 151 शिकायतें प्राप्त हुई है तथा अवैध रूप से भूखण्ड़ों के क्रय-विक्रय के कुल 180 प्रकरण दर्ज किये गए है जिनमें 27 प्रकरणों में एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही की गई है। यह बातें विधानसभा में बजट के दौरान के उप मुख्यमंत्री व लोक निर्माण अरूण साव ने धरमलाल कौशिक के द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दिए।
कौशिक ने पूछा कि बिलासपुर नगर निगम अंतर्गत अवैध निर्माण की शिकायतें विगत 3 वर्षों में किसके द्वारा, किसकों, किसके विरूद्ध की गई है? इन शिकायतों पर क्या कार्यवाही की गई है तथा कौन दोषी पाया गया है? कितनी शिकायतें कब से लंबित हैं व क्यों? मंत्री साव ने बताया कि बिलासपुर नगर निगम अन्तर्गत विगत 03 वर्षों में अवैध निर्माण की कुल 251 शिकायते प्राप्त हुई है। शिकायत किसके द्वारा, किसकों, किसके विरूद्ध की गई है एवं शिकायत पर की गई कार्यवाही की जानकारी पुस्तकालय में रखे प्रपत्र-“अ” अनुसार है। (ख) कंडिका (क) अनुसार कुल 10 प्रकरण लंबित है, जिनमें 03 न्यायालीयन प्रकरण एवं 07 प्रकरण सीमांकन किये जाने हेतु तहसील कार्यालय में लंबित है।
कौशिक ने पूछा कि वधि में अवैध रूप से भूखण्डों के क्रय-विक्रय के कुल कितने प्रकरण दर्ज किये गए हैं तथा इन प्रकरणों में प्रोपाईटरों/एंजेसी के नाम एवं पते सहित जानकारी देवें। इनमें कितने प्रकरणों में कार्यवाही की गई है और कितने प्रकरणों में कार्यवाही कब से लंबित है व क्यों?
उप मुख्यमंत्री साव ने बताया कि अवधि में अवैध रूप से भूखण्ड़ों के क्रय-विक्रय के कुल 180 प्रकरण दर्ज किये गए है। अवैध प्लाटिंग के प्रकरणों पर की गई कार्यवाही की जानकारी निम्नानुसार है:- अवैध भूखण्ड़ के 180 प्रकरणों में से 153 प्रकरणों में अवैध बिल्डर द्वारा बनाई गई डब्ल्यू.बी.एम. सड़क/सी.सी. सड़क, नाली, विद्युत पोल, तथा सीमांकन हेतु लगाये गये पत्थर को हटाया गया तथा अनुविभागीय अधिकारी (रा.) को टुकड़ो की जानकारी हेतु पत्र लिखा गया है तथा उप-पंजीयक कार्यालय को अवैध प्लाटिंग पर टुकड़ो पर पंजीयन नहीं करने हेतु पत्र लिखा गया है। 153 प्रकरणों मे से ही 27 प्रकरणों एफ.आई.आर. दर्ज करने की कार्यवाही की गई है। 180 अवैध कॉलोनी में से 27 प्रकरण छ.ग. नगरपालिका निगम तथा नगर पालिक कॉलोनाईजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बंधन तथा शर्ते) नियम-2013 के 15 (क) 31 जुलाई 2019 तक अस्तित्व में आई अनाधिकृत कॉलोनी का नियमितिकरण के तहत् नगर तथा ग्राम निवेश से मार्ग संरचना अनुमोदन पश्चात् नगर निगम के एम.आई.सी. द्वारा विकास शुल्क निर्धारण उपरांत विकास शुल्क राशि जमा कराकर भवन अनुज्ञा प्रदान की जा रही है। 153 प्रकरणो की रजिस्ट्री न करने के संबंध में उप-पंजीयक को पृथक-पृथक से पत्र प्रेषित की गई है।
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