281 पक्षी प्रजातियों के साथ छतीसगढ़ ने दर्ज किया नया रिकार्ड
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रायपुर। जीबीबीसी द्वारा कराए गए विश्व के सबसे बड़े पक्षी गणना कार्यक्रम में इस वर्ष पूरे देश भर में 1077 पक्षी प्रजातियों की संख्या दर्ज की गई है जिसमें छत्तीसगढ़ ने 281 पक्षी प्रजातियों को दर्ज करते हुए एक नया रिकार्ड बनाया है। जीबीबीसी द्वारा इस वैश्विक आयोजन में राज्य की यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
उल्लेखनीय है कि जीबीबीसी के द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 14 से 17 फरवरी तक भारत में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसके तहत छत्तीसगढ़ में कांकेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान में भी प्रमुख पक्षियों की गणना की गई। इस गणना में मैना मित्रा (युवा आदिवासी एवं वन कर्मी) ने भाग लिया जो राज्य पक्षी हिल मैना के संरक्षण से जुड़े हुए है। रायपुर में 180, रायगढ़ में 156, बिलासपुर में 155 तथा बेमेतरा में 153 पक्षियों की प्रजातियां दर्ज की गई है। बेमेतरा जिले के पक्षी अभ्यारण गिधवा परसदा वैट लैंड पक्षियों का प्रमुख हॉटस्पॉट है जिसमें प्रवासी बतखो और वाडर्स है। पक्षी प्रेमियों के द्वारा गिधवा परसदा को वर्ड सेंचुरी और रामसर साइट घोषित करने की काफी समय से मांग की जा रही है क्योंकि यहां पर प्रवासी पक्षियों की संख्या अधिक देखी जा रही है।
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ग्रेट बैकयार्ड बर्ड काउंट (जीबीबीसी) के द्वारा पूरे भारत में पक्षियों के आंकलन के लिए यह अभियान चलाया गया था जिसमें छत्तीसगढ़ के पक्षी एवं वन्य जीव समूह और एफईएस ने इसमें अपनी महत्वपूर्ण निभाई है। छत्तीसगढ़ के 15 जिलों में एफईएस ने पक्षी गणण कार्यक्रम का आयोजन 14 से 17 फरवरी तक किया था। इस अभियान की जागरुकता के लिए विज्ञान सभा जीबीबीसी ने अनेक जागरुकता सत्रों का आयोजन और 25 से अधिक वर्ड वॉक का आयोजन कॉलेजों, स्कूलों और युवाओं के बीच किया था ताकि वे पक्षियों का अवलोकन कर सके और उनके महत्व से परिचित हो सकें। छत्तीसगढ़ के सभी 27 जिलों यह अभियान चलाया गया जिसमें 281 पक्षियों की प्रजातियां दर्ज की गई है जो की एक रिकार्ड है। इनमें सर्वाधिक 192 पक्षियों की प्रजातियां बस्तर में दर्ज की गई है।
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छत्तीसगढ़ में अब तक 415 पक्षियों की प्रजातियां दर्ज की गई है और 281 प्रजातियों की रिपोर्ट जीबीबीसी को की गई है जो राज्य की कुल पक्षी आबादी का लगभ 68 प्रतिशत है। जीबीबीसी ने छत्तीसगढ़ को भारत के अग्रणी पक्षी अवलोकन राज्यों की श्रेणी में रखा है जो कि एक महत्वपूर्ण पहल पक्षियों के संरक्षण के लिए साबित होगी। सबसे अहम बात यह है कि इस पक्षी गणना कार्यक्रम में युवाओं को प्रकृति से जोडऩे की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। आने वाले समय में स्थानीय समुदायों की भागीदारी को और बढ़ाने, गिधवा परसदा को पक्षी प्रजाति संरक्षण क्षेत्र घोषित करने तथा जीबीबीसी में छत्तीसगढ़ को भारत के शीर्ष पक्षी रिकार्डिंग राज्यों में शामिल करने का लक्ष्य है।
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