वनों में आग लगाना दंडनीय अपराध, की जाएगी गिरफ्तारी व दंडात्मक कार्रवाई
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बीजापुर। भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून की रिपोर्ट के अनुसार भारत के लगभग 800 जिलों में वन अग्नि घटनाओं के मामले में शीर्ष तीन जिलों में बीजापुर जिला भी शामिल है। यह स्थिति जिले की कठिन भौगोलिक स्थिति और ग्रामीणों के बीच जागरूकता की कमी के कारण वन विभाग के लिए गंभीर चुनौती है। बीजापुर सामान्य वन मंडल के अंतर्गत 2022, 2023 और 2024 में अग्नि घटनाओं की संख्या क्रमश: 1965, 730 और 2276 रही है। इस आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि पिछले तीन वर्षों में आगजनी की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। खासकर भोपालपटनम और मद्देड़ परिक्षेत्र में आग लगने की घटनाएं मुख्यत: ग्रामीणों द्वारा अवैध शिकार एवं महुआ बीनने के लिए की जाती हैं। इन कारणों से वन विभाग को आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण पाना कठिन हो रहा है। वन विभाग ने इस बार गर्मी से पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय वन अधिनियम 1927 और वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत जंगलों में अवैध शिकार और महुआ संग्रहण के लिए आग लगाना एक दंडनीय अपराध है। ऐसे अपराधों के लिए दोषियों पर ?10 हजार तक का जुर्माना या 1 वर्ष तक का कारावास या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं। वन विभाग ने कड़ी चेतावनी दी है कि यदि किसी व्यक्ति को ऐसी गतिविधियों में शामिल पाया जाता है, तो उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाएगा और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग ने फायर सीजन के शुरू होने से पहले व्यापक प्रचार-प्रसार अभियान शुरू किया है। विभाग ने गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को आगजनी के खतरों और इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताया है। इसके अलावा, जंगल में जाने वाले प्रमुख रास्तों पर अस्थाई जांच नाके लगाए गए हैं, जहां विभाग के अधिकारी और कर्मचारी आने-जाने वाले लोगों का नाम रजिस्टर में नोट करेंगे। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा नियमित रात्रि गश्त की जा रही है ताकि जंगल में आग लगने की घटनाओं पर काबू पाया जा सके। इस समय वन विभाग की प्राथमिकता आगजनी की घटनाओं को रोकने और जंगल के पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। वन विभाग ने एक बार फिर अपील की है कि जंगल में किसी भी उद्देश्य से आग न लगाई जाए और विभाग का पूरा सहयोग किया जाए। यदि कोई व्यक्ति आग लगाते हुए या शिकार की सामग्री के साथ जंगल में पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। बीजापुर जिले में वन अग्नि घटनाओं में हो रही वृद्धि से न केवल वन्यजीवों और जंगलों को नुकसान हो रहा है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी एक गंभीर खतरा बनता जा रहा है। वन विभाग के प्रयासों और जनता के सहयोग से ही इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। जन जागरूकता, सख्त कानून प्रवर्तन और विभागीय निगरानी से इस गंभीर समस्या पर काबू पाया जा सकता है।
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