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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने किया राष्ट्रीय सार्वजनिक औषधि वितरण अभियान का शुभारंभ किया, छग से शामिल हुए मंत्री जयसवाल

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रायपुर। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने आज यहां लिम्फेटिक फाइलेरिया (एलएफ) बीमारी से प्रभावित 13 चिन्हित राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए इस बीमारी के उन्मूलन के लिए वार्षिक राष्ट्रीय सार्वजनिक औषधि वितरण (एमडीए) अभियान का शुभारंभ किया। प्रतिभागियों को अभियान के संक्षिप्त विवरण, इसके उद्देश्यों, अभियान के दौरान की जा रही प्रमुख रणनीतिक गतिविधियों और एमडीए कार्यक्रम के साथ उच्च कवरेज तथा अनुपालन सुनिश्चित करने में भाग लेने वाले राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी दी गई। इस अभियान में 13 राज्यों के 111 प्रभावित जिलों को शामिल किया जाएगा जिसमें घर-घर जाकर फाइलेरिया की रोकथाम के लिए दवाइयां दी जाएंगी।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों में श्री सत्य कुमार यादव (आंध्र प्रदेश), श्री अशोक सिंघल (असम), श्री श्याम बिहारी जयसवाल (छत्तीसगढ़), श्री रुशिकेश गणेशभाई पटेल (गुजरात), श्री इरफान अंसारी (झारखंड), श्री दिनेश गुंडू राव (कर्नाटक), श्री राजेंद्र शुक्ला (मध्य प्रदेश), श्री मुकेश महालिंग (ओडिशा), श्री मंगल पांडे (बिहार), श्री प्रकाशराव अबितकर (महाराष्ट्र) और श्री ब्रिजेश पाठक (उत्तर प्रदेश) शामिल रहे।
एमडीए अभियान भारत की लिम्फेटिक फाइलेरिया उन्मूलन रणनीति का मुख्य घटक है, जिसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) चलाता है। यह कार्यक्रम घर-घर जाकर फाइलेरिया रोधी दवा वितरण पर केंद्रित है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस बीमारी से पीडि़त हर व्यक्ति इस रोग को फैलने से रोकने के लिए निर्धारित दवा का सेवन करे। लिम्फेटिक फाइलेरिया को आमतौर पर “हाथी पांव” के रूप में जाना जाता है जो संक्रमित मच्छरों से फैलने वाला एक परजीवी रोग है। यह लिम्फोएडेमा (अंगों की सूजन) और हाइड्रोसील (अंडकोष की सूजन) जैसी शारीरिक दिव्यांगताओं को जन्म दे सकता है और प्रभावित लोगों और परिवारों पर दीर्घकालिक बोझ डाल सकता है।
इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने जोर देकर कहा, “भारत को फाइलेरिया मुक्त बनाना हमारी प्रतिबद्धता है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रत्येक नागरिक की भागीदारी और सक्रिय सामुदायिक भागीदारी की जरूरत है। जिम्मेदारी की साझा भावना के साथ हम करोड़ों लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए लिम्फेटिक फाइलेरिया को खत्म कर सकते हैं।” उन्होंने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व में, यह अभियान जनभागीदारी की भावना से संचालित होगा, जो एक जन आंदोलन में बदल जाएगा। सक्रिय सामुदायिक भागीदारी और सामूहिक स्वामित्व की भावना के साथ भारत लिम्फेटिक फाइलेरिया को खत्म कर सकता है और यह सुनिश्चित कर सकता है कि लाखों लोग इस बीमारी से सुरक्षित रहें।”

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