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चाइनीज मांझे से मासूम की मौत और महिला अधिवक्ता के घायल होने के पर हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, मुख्य सचिव से मांगा जवाब

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बिलासपुर। चाइनीज मांझे से मासूम की मौत और महिला अधिवक्ता के घायल होने के मामले पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य के मुख्य सचिव से जवाब तलब किया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने इस मामले को इसे जनहित याचिका के रूप में सुनवाई के लिए दर्ज करते हुए अगली सुनवाई 29 जनवरी को तय की है। हाईकोर्ट ने घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक बताते हुए सवाल उठाया कि राज्य सरकार के प्रतिबंध के बावजूद बाजार में चाइनीज मांझा कैसे उपलब्ध हो रहा है। प्रतिबंध लागू करने में लापरवाही क्यों बरती गई और मृत बच्चे के परिवार को क्या मुआवजा दिया गया है?
मालूम हो कि राजधानी रायपुर में पचपेड़ी नाका के पास 7 वर्षीय मासूम पुष्कर के गले में चाइनीज मांझा फंसने से उसकी मौत हो गई। बच्चा अपने पिता और भाई के साथ गार्डन जा रहा था, जब मांझा उसकी गर्दन में फंस गया और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी जान नहीं बच सकी। इसी प्रकार राजधानी के ही देवेंद्र नगर में महिला अधिवक्ता पूर्णान्शा कौशिक चाइनीज मांझे का शिकार हो गई और गंभीर रूप से घायल हो गई। इन दोनों मामलों को लेकर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई की।
हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से यह स्पष्ट करने को कहा है कि बाजार में चाइनीज मांझा कैसे उपलब्ध है और प्रतिबंध का पालन सुनिश्चित क्यों नहीं किया गया। अदालत ने मृतक बच्चे के परिवार को मुआवजा देने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। 29 जनवरी को इस मामले की अगली सुनवाई होगी, जिसमें सरकार को अपनी कार्रवाई का ब्यौरा प्रस्तुत करना होगा।

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