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पुलिस ने दिलाया 15 दिन में गिरफ्तारी का भरोसा,तब जाकर यश के अंतिम संस्कार के लिए हुए तैयार

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रायपुर। जिंदगी और मौत से लगातार दो माह से भी अधिक समय तक संघर्ष करने के बाद आखिरकार सिंधी समाज के पुरोहित यश शर्मा का मंगलवार को निधन हो गया। इससे नाराज सिंधी समाज के लोग व परिजन थाने पहुंचकर अपनी नाराजगी जताते हुए कह दिया कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी वे अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। तब एसपी लाल उम्मेद सिंह ने जांच टीम अलग से गठित करते हुए 15 दिनों में आरोपियों के गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। दोपहर बाद हुए अंतिम संस्कार में काफी संख्या में लोग शामिल हुए।
बता दें यश का अपहरण कर शगुन फार्म हाउस में बंद कर बेदम पीटने वाले करोड़पति कारोबारियों के बेटे अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही से नाराज सिंधी समाज के लोगों ने प्रदर्शन किया, और परिजनों ने कार्रवाई होने के बाद ही अंतिम संस्कार का ऐलान किया।घटना के बाद एसपी लाल उम्मेद सिंह ने सिंधी समाज के नेताओं, और परिजनों से चर्चा की। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एएसपी दौलतराम पोर्ते की अगुवाई में तीन सदस्यीय टीम बनाई है। इससे तेलीबांधा थाने को अलग रखा गया है। एसपी ने 15 दिन के भीतर आरोपियों की गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया है।
एसपी के आश्वासन के बाद परिजन मृत युवक यश शर्मा का अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुए। दोपहर बाद यश का अंतिम संस्कार किया गया। तेलीबांधा निवासी यश शर्मा को विगत 13 अक्टूबर को तीन बड़े कारोबारियों के बेटे ने अपहरण कर पिटाई की थी। इसके बाद यश को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां मंगलवार की शाम मौत हो गई। इस पूरे मामले की एफआईआर दर्ज होने के बाद से पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है। यहां तक आरोप है कि जांच से जुड़े पुलिस कर्मी, इन करोड़पति युवकों को फरार बताकर बचाते रहे हैं। सिंधी समाज के नेताओं में पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, अमर गिदवानी सहित अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। यश की मृत्यु के बाद सिंधी समाज के नागरिकों ने सिविल लाइंस थाने का घेराव किया था।

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