बर्खास्त की गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेदमती ने नहीं भरा था सनी लियोनी का फार्म – रुक्मणि सज्जन
जगदलपुर। महतारी वंदन योजना में फिल्म एवं पोर्न एक्ट्रेस सनी लियोनी के नाम से राशि जारी होने के मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बर्खास्तगी का मसला तूल पकडऩे लगा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने आज गुरूवार को बर्खास्त कार्यकर्ता वेदमती जोशी के समर्थन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए संघ की अध्यक्ष रुक्मणि सज्जन एवं अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि बिना जांच किए अन्यायपूर्ण ढंग से केवल आंगनबाड़ी कार्यकती वेदमती जोशी को बर्खास्त कर दिया गया है। इसका छत्तीसगढ़ प्रदेश आगनबाड़ी महिला कार्यकर्ता सहायिका संघ पुरजोर विरोध करता है और मांग करता है कि इस बर्खास्तगी को तत्काल रद्द किया जाए। रुक्मणि सज्जन ने कहा कि ब्लॉक परियोजना अधिकारी एवं आंगनबाडी पर्यवेक्षक को निलंबित किया गया है और जिला कार्यक्रम अधिकारी से सिर्फ स्पष्टीकरण मांगा गया है। ऊपर के अधिकारियों पर जो नरम और दिखावे की कार्रवाई की गई है ताकि मामला शांत होने पर उन्हें पुन: बहाल किया जा सके। जब कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेदमती जोशी को बर्खास्त कर दिया गया है। शासन की यह कार्यवाही पूरी तरह भेदभाव पूर्ण है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की अध्यक्ष रुक्मणि सज्जन बताया कि बर्खास्त की गई आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेदमाती जोशी ग्राम तालूर की बेटी है और उनके पति की दृखुद मृत्यु के बाद यह मायके में रहती है और किसी प्रकार अपना परिवार का गुजर बसर करती है। बताया गया है कि वेदमती जोशी ने महतारी वंदन योजना के ऑफलाइन फॉर्म भरे थे एवं उन्हे जमा किया था, उनमें सनी लियोन नाम वाले का फॉर्म नहीं था। यह भी तथ्य है कि महतारी वंदन का फॉर्म भरने के लिए जो आईडी जारी की गई थी, उस आईडी को विभाग से बाहरी लोगों को भी बांटा दे दिया गया था। क्योंकि इसमें समय सीमा निर्धारित थी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दिन-रात काम करके फॉर्म भरना अनिवार्य किया गया था। साथ ही यह भी निर्देश कि किसी का भी फॉर्म रिजेक्ट या कैंसिल नहीं करना है। बस्तर के ग्रामीण क्षेत्रों में ना तो इंटरनेट काम करता है और न ही मोबाइल ठीक से काम करता है। कई फॉर्म कंप्यूटर सेंटर से निजी तौर पर भी भरवाए गए थे। इसकी भी जांच होनी चाहिए कि निजी कंप्यूटर सेंटर में तो सनी लियोन के नाम का फॉर्म तो नहीं भरा गया था, उन्हें विभाग की आईडी कैसे प्राप्त हुई। इसकी भी जांच होनी चाहिए कि ऊपर के अधिकारियो ने उसे किस तरह स्वीकृत किया। इस प्रकरण की पूरी जांच किए बगैर वेदमती जोशी पर दोषसिद्ध मान लिया जाना पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
उन्होने कहा कि अधिकारियों द्वारा बिना तथ्यों की जांच किए ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किए गए आवेदनों को सत्यापित कर दिया गया। इस पर पर्यवेक्षक के द्वारा भी बिना परीक्षण किए इस आवेदन का सत्यापन कर दिया गया। जिसके कारण इस नाम वाले हितग्राही की उनके द्वारा दिए गए आधार नंबर लिंक स्टेट बैंक खाते में राशि का भुगतान हुआ है। आवेदन के परीक्षण हेतु ग्राम प्रभारी से लेकर जिला कार्यक्रम अधिकारी की भी जवाबदारी बनती है। अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए वर्तमान भाजपा सरकार ने गैर विभागीय काम आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के ऊपर लाद दिया है, जो इस तरह के ऑनलाइन काम करने की स्थिति में नहीं हैं। यह कार्य आंगनबाड़ी का विभागीय कार्य भी नहीं है। आनन फानन में बहुत जल्दबाजी में बिना किसी सही सिस्टम के सरकार ने यह काम करवाया और अब समस्या होने पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की गर्दन पर तलवार चलाई गई है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेदमती जोशी की पुन: बहाली हेतु सरकार से अनुरोध व मांग करते हैं। यदि ऐसा नहीं किया गया तो पूरे राज्य में आंदोलन होगा और आंदोलन से भी बात नहीं बनी तो इसके खिलाफ हइताल एवं अनिश्चितकालीन हड़ताल की तरफ भी कदम उठाने में हम संकोच नहीं करेंगी।