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भ्रष्टाचार के मामले में 2 ईई सहित 5 अधिकारी निलंबित, ठेकेदार कांग्रेस जिलाध्यक्ष ब्लैक लिस्टेड

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दंतेवाड़ा। जिले के नक्सल प्रभावित इलाके में बनी सड़क के नाम पर हुए भ्रष्टाचार के मामले में 2 ईई सहित 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबित होने वाले अधिकारियों में ईई अनिल राठौर, ईई दामोदर सिदार, एसडीओ तारेश्वर दिवान,एई आरबी पटेल, इंजीनियर रविकांत सारथी हैं, वहीं एक सब इंजीनियर की पहले ही मौत हो गई है। ईई अनिल राठौर रिटायर हो चुके हैं, लेकिन इनके खिलाफ जांच चलेगी। जबकि ठेकेदार और कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह गौतम को पीडब्ल्यूडी विभाग में ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है।
दंतेवाड़ा जिले में डीएमएफ मद से बनी हिरोली-डोक्कापारा से मड़कामीरास तक बनाई गई सड़क निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का मामला विधानसभा सत्र में उस वक्त गरमा गया,जब भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर ने दंतेवाड़ा जिले में जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) मद से पीएमजीएसवाय विभाग को एजेंसी बनाकर हिरोली- डोक्कापारा से मड़कामीरास तक बनाई गई सड़क पर भ्रष्टाचार का मामला उठाया। इस सड़क को बनाने वाले ठेकेदार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अवधेश सिंह गौतम हैं। प्रश्नकाल में भाजपा के विधायक अजय चंद्राकर ने इस सड़क पर गड़बड़ी का आरोप लगाया तो डिप्टी सीएम ने पीएमजीएसवाय एजेंसी दंतेवाड़ा के 5 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जबकि सड़क निर्माण के ठेकेदार को पीडब्लयूडी विभाग में ब्लैक लिस्टेड कर एफआईआर दर्ज करने और निर्माण में जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर 2 करोड़ 1लाख 6 हजार एक सौ सत्तराह रुपये(20106117.00?) वसूली के आदेश दे दिए गए हैं. मामले में ठेकेदार के खिलाफ बनाई गई अन्य जिलों से भी सभी सड़कों के जांच के आदेश विधानसभा सत्र के दौरान ही जारी कर दिए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मड़कामीरास से हिरोली सड़क स्वीकृति दो भागों में हुई थी। तत्कालीन कलेक्टर विनीत नंदनवार ने इस सड़क को दो भागों में बांटा इसके लिए एक करोड़ 96 लाख और एक करोड़ 99 लाख स्वीकृत किए गए। इस सड़क के टेंडर प्रक्रिया भी सवालों के घेरे में रही। सत्ता का दुरुपयोग करते हुए कांग्रेस के जिलाध्यक्ष व ठेकेदार अवधेश गौतम ने अन्य ठेकेदारों को इसमें भाग लेने से रोका और स्वयं 10 प्रतिशत अधिक दर पर इसका कार्यादेश प्राप्त किया। जांच रिपोर्ट के अनुसार इस सड़क में अर्थ वर्क के नाम पर बड़ा खेल किया गया है। सामान्य सड़क में लगने वाली मिट्टी से दस गुना अधिक खपत यहां दिखाई गई है। विभागीय अधिकारियों से सांठ-गांठ कर ठेकेदार ने फर्जी तरीके से एमबी भरवाकर लगभाग दो करोड़ का अतिरिक्त भुगतान अपने नाम करवा लिया। लेकिन सत्ता बदलते ही मामले की शिकायत हुई और जांच भी हुई, जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। इस सड़क में सर्वाधिक राशि मिट्टी और मुरुम के नाम पर बुक की गई। जबकि कोर कटिंग में सड़क में मुरुम पाई ही नहीं गई और इसी के बाद इसमें बड़ी रिकवरी निकलकर सामने आई। प्रशासन ने 5 सदस्यीय टीम से जांच करवाई और अवधेश गौतम के खिलाफ दो करोड़ एक लाख की रिकवरी निकाली। इसकी जांच जून में पूर्ण कर ली गई थी और शासन को रिपोर्ट सौप दी गई थी। लेकिन शीतकालीन सत्र के दौरान प्रश्न पूछे जाने के बाद ठेकेदार को रिकवरी का नोटिस जारी किया गया। मामला विधानसभा में उठने के बाद ठेकेदार और अब 5 अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो चुकी है। बताया जा रहा कि कल देर शाम को कलेक्टर ने ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट करने के लिए सभी विभागों को आदेश जारी कर दिया है।

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