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कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने उठाया सवाल, हंगामे की बीच विपक्षी विधायक निलंबित

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रायपुर। सदन में आज पक्ष-विपक्ष उस वक्त आमने-सामने हो गए जब प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर शून्य काल में भिड़ गए और एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके चलते सदन की कार्यवाही को पांच मिनट स्थगित करनी पड़ी।
शून्य काल में पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने यह स्थगन प्रस्ताव की सूचना देकर ग्राह्य कर चर्चा कराने की मांग की। उनके बाद पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने भी समर्थन किया। उन्होने कहा पुलिस का आत्मबल गिरा हुआ है, पुलिस काम नही कर पा रही है। स्थगन पर चर्चा होनी चाहिए। उमेश पटेल ने विधायक उत्तरी जांगड़े का बचाव करते हुए उनके बयान को स्लिप आफ टंग बताया। कांग्रेस के सभी विधायक विरोध में खड़े होकर नारेबाजी करने लगे। उनके विरोध में सत्तापक्ष के विधायक भी उठ खड़े हुए। दोनों पक्ष की नारेबाजी के चलते सदन में हंगामा सा माहौल रहा। करीब 3-4 मिनट के इस हंगामें में जय भीम के भी नारे सुनाई दिए। इसी दौरान अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी। कार्यवाही पुन: शुरू होने के बाद भी विपक्ष का हंगामा जारी रहा। नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत ने रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल की तारीफ़ करते हुए कहा आपके 15 साल के कार्यकाल में ऐसी हत्या लूट की घटनाएं नहीं होती थी।
लेकिन आज 1 साल में घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। सभी की बाते सुनने के बाद स्थगन पर चर्चा की मांग स्वीकार नहीं हुई। इसके विरोध में सभी विपक्षी नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष की आसंदी के सामने जा पहुंचे। इस पर अध्यक्ष डॉ सिंह ने सभी 30 विधायकों को निलंबित किया। पांच विधायक सदन में मौजूद नहीं रहे।

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