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कैंप खुलने के बाद पूवर्ती गांव में स्थित 1 करोड़ के इनामी नक्सली माड़वी हिड़मा व देवा बारसे का घर टूटा

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सुकमा। जिले के पूवर्ती गांव में स्थित नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी सदस्य 1 करोड़ के इनामी नक्सली माड़वी हिड़मा और बटालियन नंबर-1 के कमांडर देवा बारसे का घर टूट गया है। मिली जानकारी के अनुसार जब यहां सुरक्षा बलों का कैंप खुला, इसके बाद हिड़मा अपनी मां को लेकर यहां से चला गया, जिसके बाद घर खंडहर बन गया था, पड़ोसी गांव वाले आए और उन्होंने उनके मकान को तोड़ दिया। सुकमा एसपी किरण चव्हाण का कहना है कि बार-बार नक्सली हिड़मा के घर की मीडिया रिपोर्टिंग हो रही थी। जिसके बाद गांव वालों ने नहीं बल्कि स्वयं नक्सलियों ने अपने लीडरों नक्सली हिड़मा एवं देवा का घर तोड़ा है। हम भी इस बारे में और पता लगा रहे हैं कि किसके कहने पर किसने उस मकान को तोड़ा है।
सुकमा जिले के पूवर्ती गांव में हिड़मा और देवा का घर है। इसकी तस्वीर सामने आई है, उसमें एक घर पूरी तरह से टूटा हुआ दिख रहा है। इस घर को नक्सली लीडर देवा बारसे का घर बताया जा रहा है। जबकि दूसरी तस्वीर नक्सली हिड़मा के घर की है। ऐसा बताया जा रहा है कि इस घर के पीछे का कुछ हिस्सा टूटा हुआ है। यहां से कुछ ही दूरी पर सुरक्षाबलों का कैंप है। अब प्रश्न यह उठता है कि इस घर को किसने तोड़ा ? क्या इनके घर को ग्रामीणों ने तोड़ा ? घर को तुड़वाने में क्या पुलिस की भूमिका है? क्या इस घर को वाकई नक्सलियों ने ही तोड़ा है? फिलहाल इन सवालों के जवाब में अभी संशय बना हुआ है।
उल्लेखनिय है कि वर्ष 2024 में पूवर्ती गांव में सुरक्षबलों का कैंप खुला है। जिस दिन कैंप खुला उस दिन हिड़मा की मां अपने घर में ही थी, सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने हिड़मा की मां से मुलाकात की थी। वहीं जैसे-जैसे दिन गुजरता गया और फोर्स ने इस गांव में अपनी पैठ बनाना शुरू किया तो हिड़मा की मां भी गांव से कहीं चली गई। ऐसा बताया जा रहा है कि नक्सली हिड़मा स्वयं ही अपनी मां को लेकर यहां से चला गया। उसे किस गांव में रखा है, हिड़मा की मां कहां है, इसकी जानकारी नहीं है।
बस्तर के पूवर्ती गांव में रहने वाला माड़वी हिड़मा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में पढ़ाई करता था। उस दौरान इलाके में सक्रिय एक नक्सली ने हिड़मा को नक्सलियों के बाल संघम में भर्ती किया था। इसके बाद हिड़मा की आगे की पढ़ाई नक्सली स्कूल में ही हुई थी। हिड़मा के फुर्तीले शरीर को देखते हुए नक्सलियों ने इसे अपने संगठन में एलओएस ग्रुप में शामिल किया था। हिड़मा नारायणपुर, बीजापुर, गढ़चिरौली में कई सालों तक सक्रिय था। फिर हिड़मा को कोंटा एरिया कमेटी के जॉइंट प्लाटून का कमांडर बनाया था। हिड़मा ने वर्ष 2007 से लेकर 2021 तक इसने कई बड़ी नक्सली वारदात को अंजाम दिया।
माड़वी हिड़मा नक्सलियों की मिलिट्री बटालियन नंबर-1 का कमांडर और डीकेएसजेडसीएम (दंडकारण्य स्पेशल जोनल मेंबर) था। लेकिन इसी वर्ष नक्सलियों ने इसे अपनी सेंट्रल कमेटी में शामिल किया। इस पर करोड़ों रुपए का इनाम भी घोषित है। नक्सली देवा बारसे भी पूवर्ती गांव का रहने वाला है। हिड़मा के सेंट्रल कमेटी में जाने के बाद नक्सलियों की सबसे मजबूत बटालियन नंबर-1 की जिम्मेदारी देवा बारसे को सौंपी है। अब इस बटालियन नंबर-1 को देवा बारसे संभाल रहा है, इस पर भी लाखों रूपए का इनाम घोषित है।

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