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उन्नत कृषि तकनीक को अपनाकर चौतू नेताम बना सफल कृषक

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00 उत्पादन में बढ़ोत्तरी के साथ आय भी बढ़ी
कोण्डागांव। राज्य के अन्नदाताओं के प्रति संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा भी दृढ़संकल्पित होकर किसानों के कल्याण और उनके उत्तरोत्तर प्रगति के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। शासन की योजनाओं का जमीनी स्तर पर सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिल रहा है। कोण्डागांव जिले के किसान भी विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर आज समृद्ध एवं खुशहाल किसान के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं।
आत्मा योजना से आया सकारात्मक बदलाव
जिले के विकासखण्ड कोण्डागांव में स्थित ग्राम चिपावण्ड के 67 वर्षीय प्रगतिशील किसान श्री चौतू नेताम ने अपनी मेहनत और नवीनतम कृषि तकनीकों के माध्यम से कृषि के क्षेत्र में सफलता की एक नई मिसाल पेश की है। उनके 03 एकड़ 54 डिसमिल की कृषि भूमि पर उन्नत खेती से उन्होंने न केवल अपनी आय में वृद्धि की है, बल्कि दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गए हैं। पहले चौतू नेताम पारंपरिक तरीके से रागी की खेती करते थे और पुराने ढंग से बीज बोते थे। खरीफ मौसम में पारम्परिक खेती में छिड़काव विधि से बीज बोने से उत्पादन में ज्यादा लाभ नहीं मिल पा रहा था। इसके बाद कृषि विभाग ने उन्हें आत्मा योजना के तहत नई तकनीकों का प्रशिक्षण दिया, तो उन्होंने रागी की खेती में बदलाव करने का निर्णय लिया। रबी मौसम में चौतू नेताम ने रागी की फसल की कतार बोनी की विधि को अपनाया, जिससे न केवल उनकी फसल का उत्पादन बढ़ा, बल्कि उनकी आय में भी वृद्धि हुई।
उन्नत कृषि से तरक्की की राह पर चौतू राम
चौतू राम ने बताया कि कतार बोनी विधि से बीज का वितरण और सिंचाई ज्यादा व्यवस्थित और नियंत्रित हुआ है, जिसके कारण रागी की फसल का उत्पादन दोगुना हो गया। पहले जहां रागी की खेती 0.405 हेक्टेयर रकबा में उत्पादन केवल 4 क्विंटल होता था और केवल 12 हजार रूपये की आय प्राप्त होती थी। लेकिन अब कृषि में कतार बोनी विधि से बीजोत्पादन कार्यक्रम के माध्यम से नई तकनीक को अपनाने के बाद उत्पादन 9 क्विंटल हो गया, जिससे 45 हजार रुपये प्राप्त हुआ। इस प्रकार उत्पादन में वृद्धि के साथ उनके आय में भी वृद्धि हुई।
शासन की योजना से चौतू नेताम के लिए यह बदलाव केवल कृषि के तकनीक में बदलाव नहीं था, बल्कि उनके जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आया। कृषि विभाग से प्राप्त तकनीकी मार्गदर्शन और प्रशिक्षण उनके लिए काफी लाभदायक साबित हुआ। कतार बोनी विधि से बीजोत्पादन के कार्यक्रम ने उन्हें न केवल अधिक उत्पादन दिया, बल्कि शासकीय योजनाओं का लाभ लेकर अपनी आय वृद्धि की और खेती के क्षेत्र में तरक्की के राह पर अग्रसर हुए हैं। श्री चौतू राम ने जिले के अन्य किसानों को भी योजना का लाभ लेने प्रशिक्षण प्राप्त कर कृषि में उन्नत तकनीक अपनाने की अपील की।

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