ChhattisgarhRegion

उपार्जन केन्द्रों में 5 करोड़ क्विंटल धान जाम होने के बाद भी खरीदी का दबाव , कर्मी सासत् में

Share


रायपुर । आन लाइन टोकन सिस्टम से जारी धान खरीदी की समस्या अब उपार्जन केन्द्रों में धान जाम होने तक पहुंच चला है । अभी की? स्थिति में प्रदेश के 33 जिलों में बनाये गये खरीदी केन्द्रों में लगभग 5 करोड़ क्विंटल धान जाम है । इन केन्द्रों में से अधिकांश में धान खरीदी हेतु जगह नहीं है पर शासन – प्रशासन हर हाल में धान खरीदी जारी रखने का फरमान जारी कर धान खरीदी करवा रहे हैं । इधर किसान धान बेचने अपने पारी आने का आस लिये बैठे हैं और उधर सोसायटी कर्मी जाम धान और जबरिया खरीदी के चलते होने वाले नुकसानी का खामियाजा अपने अथवा सोसायटी के मत्थे मढऩे की आशंका को ले सांसत् में हैं ।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा ने जानकारी दी है कि विभागीय आंकड़ों के अनुसार ही प्रदेश में 14 दिसंबर की स्थिति तक करीबन 5 करोड़ क्विंटल के आसपास धान खरीदी किया जा चुका है और अभी तक इसका महज 10 प्रतिशत धान का ही उठाव हो पाया है । जाम धान की वजह से खरीदी व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा जाने की जानकारी देते हुये उन्होंने बतलाया है कि केन्द्रों में इसकी वजह से धान खरीदी बंद किये जाने की लगायी गयी सार्वजनिक सूचना को अधिकारियों द्वारा जबरिया दबाव डाल?हटवाने व हर हाल में धान खरीदी जारी रख जहां कहीं भी रखवाने विवश किया जा रहा है । धान उठाव के आदेश जारी होने के 3 दिन के भीतर धान उठाने के पूर्ववर्ती वर्षों के अनुबंध को भी इस वर्ष समाप्त कर दिये जाने की वजह से परिवहनकर्ताओं पर और दबाव न बनने की जानकारी देते हुये उन्होंने बतलाया है कि शीघ्र जाम धान की उठाव न होने पर सूखती की समस्या , धान खराब व गुणवत्ता बिगडऩे , रख रखाव पर होने वाले अनावश्यक व्यय की समस्या होगी जिसका जिम्मेदार सोसायटियों का न होने के बाद भी इसका जिम्मेदार अंतत: सोसायटियों व कर्मियों को ही बीते वर्षों की तरह ठहराया जावेगा और इसके चलते सोसायटियों के दिवालिया होने की आशंका है ।
उन्होंने इस आशंका को दूर करने शीघ्र उपाय कर घोषणा करने का आग्रह प्रदेश सरकार से किया है । बीते 14 दिसंबर की स्थिति में बस्तर जिले में 8 लाख क्विंटल , बीजापुर में 2 लाख क्विंटल , दंतेवाड़ा में 30 हजार क्विंटल , कांकेर में 18 लाख क्विंटल , 12 लाख क्विंटल , नारायणपुर में 2 लाख क्विंटल , सुकमा में सवा लाख क्विंटल , बिलासपुर में 22 लाख क्विंटल , गौरेला -मरवाही- पेनड्रा में 5 लाख क्विंटल , जांजगीर-चांपा में 15 लाख क्विंटल , कोरबा में साढ़े छ: लाख क्विंटल , मुंगेली में 20 लाख क्विंटल , रायगढ़ में 10 लाख क्विंटल , सक्ती में साढ़े आठ लाख क्विंटल , सारंगढ़ – बिलाईगढ़ में 12 लाख क्विंटल , बालोद में 32 लाख क्विंटल , बेमेतरा में 40 लाख क्विंटल , दुर्ग में 23 लाख क्विंटल , कवर्धा में साढ़े चौबीस लाख क्विंटल , राजनांदगांव में 31 लाख क्विंटल , खैरागढ़ – छुईखदान – गंडई में 18 लाख क्विंटल , मोहला – मानपुर – अंबागढ़ चौकी में साढ़े नौ लाख क्विंटल , बलौदाबाजार में 31 लाख क्विंटल , धमतरी में 28 लाख क्विंटल , गरियाबंद में साढ़े बीस लाख क्विंटल , महासमुंद में 38 लाख क्विंटल , रायपुर में 29 लाख क्विंटल , बलरामपुर में 6 लाख क्विंटल , जशपुर में 5 लाख क्विंटल , कोरिया में 4 लाख क्विंटल , सरगुजा में 10 लाख क्विंटल , सूरजपुर में साढ़े दस लाख क्विंटल व मनेन्द्रगढ़ – चिरमिरी – भरतपुर में 3 लाख क्विंटल के लगभग धान जाम होने की जानकारी उन्होंने दी है ।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button