गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति में लिया बुराई छोडऩे का संकल्प
रायपुर। बोरियाखुर्द रायपुर में 29 नवंबर से चल रहे तीन दिवसीय गायत्री महायज्ञ की पूर्णाहुति तीसरे दिन रविवार को हुई। श्रद्धालुजनों ने पूर्णाहुति में देवदक्षिणा स्वरूप अपने जीवन की एक-एक बुराई को छोडऩे, जीवन में एक-एक अच्छे कार्य करने का संकल्प लिया। सैकड़ों लोगों ने नशा छोडऩे का भी संकल्प लिया। इस अवसर पर शांतिकुंज हरिद्वार से पधारे प्रतिनिधि श्री सुखदेव निर्मलकर एवं गायत्री परिवार छत्तीसगढ़ की जोन समन्वयक श्रीमती आदर्श वर्मा ने देवमंच से कहा कि केवल स्वाहा करने से यज्ञ पूर्ण नहीं होगा। हमें अपने जीवन में त्याग, परोपकार और सेवा को भी स्थान देना होगा, तभी यज्ञ पूर्ण होगा।
आयोजक श्री ऋषि साहू ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज व्यक्ति स्वार्थ में डूबा हुआ है और केवल अपने हित की सोचता है। ज्यादा सुखी होने के स्थान पर और दुखी हो गया। इसका एकमात्र समाधान है कि हम प्रेम, सद्भावना, सदविवेक, सदाचार को अपने जीवन में स्थान दें। तभी हम सुख शांति से जीवन जी सकते हैं । गायत्री परिवार के जिला समन्वयक श्री लच्छूराम निषाद एवं कार्यक्रम संयोजक श्री मोहनलाल साहू ने बताया कि पूर्णाहुति के पूर्व यज्ञ में 2 मुंडन संस्कार, 10 दीक्षा संस्कार, 3 नामकरण संस्कार, 4 पुंसवन संस्कार और 3 बच्चों का विद्यारंभ संस्कार 4 का जन्मदिवस कराया गया।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से गायत्री परिवार के वरिष्ठ सदस्य श्याम बैस, सदाशिव हथमल, सुखदेव देवांगन, सी.पी. साहू, रामकृष्ण साहू, प्रज्ञा प्रकाश निगम, हरिराम साहू, जितेंद्र धुरंधर, डॉ. घनश्याम पटेल, श्रीमती कृष्णा गजेंद्र ,श्रीमती अनोखी निषाद, श्रीमती पूर्णिमा कश्यप सहित अनेक क्षेत्रवासी उपस्थित थे।