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मदरसा इस्लाहुल मुस्लेमीन बैजनाथपारा का 100 वर्ष पूर्ण, 30 व 1 दिसंबर को होगा भव्य कार्यक्रम

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रायपुर। 1924 में बैजनाथपारा में स्थित मदरसा इस्लाहुल मुस्लेमीन की स्थापना की गई थी और इस साल मदरसा अपना 100 वर्ष पूर्ण करने वाला है। इस अवसर पर 30 नवम्बर एवं 01 दिसम्बर को भव्य कार्यक्रम हजरत मौलाना मो. अली फारूकी साहब (काजीए शहर) की सरपरस्ती में आयोजित किया जा रहा है।
पत्रकारों से चर्चा करते हुए सद साला कमेटी के मुफ्ती मोहम्मद अली फारुकी साहब, हाजी बदरूद्दीन खोखर, अशरफ अली ने बताया कि मदरसा इस्लाहुल मुस्लेमीन बैजनाथपारा रायपुर की स्थापना सन 1924 मे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलाना हामिद अली फारूकी साहब ने की थी। यह मदरसा मध्य भारत का एक अजीम मर्कज है जिसने दीनी व दुनियावी तालीम देकर लोगों को शिक्षित किया एवं, विकास की मुख्य धारा से जोड़ते हुए समाज को प्रगति प्रदान की। 100 वर्ष पूर्ण करने पर मदरसा का 2 दिवसीय भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसके अनुसार 30 नवम्बर को 2 बजे मदरसा मे परचम कुशाई होगी एवं रात 09 बजे ऑल इण्डिया नातिया मुशायरा सीरत मैदान बैजनाथपारा मे होगा जिसमे हिन्दूस्तान के मशहूर शायर अपना कलाम पेश करेगें ।
1 दिसम्बर को दोपहर 2 बजे सेमीनार का आयोजन होटल सिटी स्टार में किया गया जहां बुद्धिजीवि वर्ग मौलाना हामिद अली फारूकी साहब के जीवन पर अपने विचार रखेगें । 1 दिसम्बर को रात 09 बजे ओल्माएकेराम की तकरीर सीरत मैदान बैजनाथपारा मे होगी जिसमे हजरत अल्लामा तौसीफ रजा खान साहब (बरेली शरीफ) हजरत अल्लामा सैय्यद नूरानी मिया साहब (किछौछा शरीफ), खिताब फरमाऐंगें, साथ ही हजरत सै. मूसा निजामी साहब (दीवान दरगाह महबूबे इलाही) नई दिल्ली, सै. अमजद चिश्ति साहब (खादिम दरगाह गरीब नवाज) अजमेर शरीफ उपस्थित रहेंगे। इसी रात देर रात को मदरसा में पढ़ाई करने वाले 250 से 300 फारेगीन को सम्मानित किया जाएगा।

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