ChhattisgarhLife Style

आयोग की पहल से परिवार जुड़ा आवेदिका को मिला 25 लाख रूपये का भरण-पोषण

Share

रायपुर।छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक एवं सदस्यों सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओज देवी मंडावी, शिक्षामित्र शोरी एवं प्रियंवदा सिंह जूदेव ने आज छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला सम्मिलन से संबंधित प्रकरणों पर जया की। आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक की नासिका में आज 288 वि समीक्षा हुई। रायपुर जिले में कुल 139 वि. जनसुनवाई।

आज की सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदकगणों द्वारा आवेदिका को विद्यार्थियो के नंबर कम-ज्यादा करने के लिए दबाव व धमकी दिया जा रहा था। आवेदिका ने बताया कि राज्यपाल ने तत्कालीन कुलपति को 20.10.2024 को पद से बर्खास्त कर दिया है। इस मामले में आवेदिका को उसके पद से हटा दिया गया है। इस प्रकरण में दोनो पक्षों को सुना गया और उनके द्वारा बताए गए तथ्यों के आधार पर निर्णय को लंबित रखा गया है। आयोग ने कहा कि इस प्रकरण में वर्तमान कुलपति को पक्षकार बनाया जाना आवश्यक है, ताकि इस प्रकरण का निराकरण किया जा सके।

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि वह अपना प्रकरण वापस लेना चाहती है। आवेदिका ने बताया कि उसे लगभग 25-30 लाख की सम्पत्ति प्राप्त हो गयी है और परिवार के सभी सदस्य मिलजुल कर रह रहे है उन्हें अब कोई समस्या नहीं है। इस स्तर पर प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।

एक अन्य प्रकरण में अनावेदक पक्ष के द्वारा आयोग में पूरे छत्तीसगढ़ से लगभग 300 लोगो को बुलाकर दबाव की राजनीति बनाने का प्रयास किया गया। आवेदिका ने बताया की अनावेदकगणों द्वारा उसका चारित्रिक हनन कर उसे बदनाम किया गया। आवेदिका ने थाने पर लिखित शिकायत की थी, लेकिन आज तक कोई कार्यवाही थाने के द्वारा नहीं किया गया। आयोग के द्वारा आवेदिका के प्रकरण में जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश थाना अभनपुर को दिया, साथ ही आयोग द्वारा अनावेदक को कड़ी समझाईश दी गई कि भविष्य में आयोग के निर्देश के बिना अनावश्यक भीड लाकर दबाव बनाने का प्रयास ना करे।अन्य प्रकरण में अनावेदकगणों के द्वारा आवेदिका को कोविड कार्यकाल के दौरान की राशि का भुगतान नहीं किया गया है। आयोग ने दोनो पक्षों की बात सुनी और इस संबंध में जिला कलेक्टर को पत्र प्रेषित किये जाने का निर्देश दिया ताकि वह प्रकरण की जांच कर आवेदिका के बकाया वेतन के भुगतान का निराकरण कर 2 माह के भीतर आयोग में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके पिता व चाचा जो कि अनावेदक है पेशी में आने से बचते है और लगातार आवेदिका को परेशान कर रहे है। इसलिए आयोग के द्वारा सभी अनावेदकगणों को थाना प्रभारी के माध्यम से बुलाये जाने का निर्देश दिया गया, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके।

GLIBS WhatsApp Group
Show More
Back to top button