नई दिल्ली। देश को आतंकवाद के खिलाफ जंग को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा आयोजित आतंकवाद विरोधी सम्मेलन 2024 का उद्घाटन हुआ। इस दो दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की, जिन्होंने उद्घाटन सत्र में देश की सुरक्षा को लेकर अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। अपने संबोधन में शाह ने कहा कि यह सम्मेलन भारत के सुरक्षा ढांचे को और मजबूती प्रदान करने के लिए देश की विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय को बढ़ाने का काम करेगा। उन्होंने उन 36,468 पुलिस कर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने भारत की आंतरिक और सीमाओं की सुरक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है।
गृह मंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीरो टॉलरेंस नीति का उल्लेख किया, जिसे पिछले दस वर्षों में भारत ने कड़े कदम उठाकर और ठोस नीतियां बनाकर लागू किया है। उन्होंने कहा कि यह नीति न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वीकृत हुई है। आज आतंकवाद से निपटने के लिए भारत ने एक सशक्त इकोसिस्टम विकसित किया है जो आतंकी गतिविधियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकता है। मोदी सरकार आतंक मुक्त भारत के निर्माण के लिए कटिबद्ध है और यह सम्मेलन विभिन्न एजेंसियों और विभागों के बीच संवाद को और बढ़ावा देगा।
शाह ने सोशल मीडिया पर इस सम्मेलन के महत्व को रेखांकित करते हुए लिखा कि यह सम्मेलन बीते कुछ वर्षों में आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में उभरा है। यहां तकनीकी, कानूनी, फोरेंसिक विशेषज्ञों और आतंकवाद विरोधी एजेंसियों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले विषयों पर चर्चा करते हैं।
सम्मेलन के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए शाह ने कहा कि यह आयोजन समन्वित कार्रवाई को बढ़ावा देने और भविष्य की नीति निर्धारण के लिए ठोस इनपुट प्रदान करने का एक प्रमुख माध्यम है। इसके अलावा, सम्मेलन में आतंकवाद के खतरों से निपटने के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों, अंतरराष्ट्रीय कानूनी सहयोग, और विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल स्थापित करने के लिए चर्चा की जाएगी।
इस कार्यक्रम में देशभर से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, आतंकवाद-रोधी मुद्दों से निपटने वाली केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारी, और कानून, फोरेंसिक, तथा तकनीकी क्षेत्रों के विशेषज्ञ हिस्सा ले रहे हैं। यह सम्मेलन राष्ट्रीय सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं पर समग्र दृष्टिकोण को मजबूत बनाने के साथ-साथ उभरते आतंकी खतरे को नियंत्रित करने के लिए नए उपायों और नीतियों पर मंथन का एक महत्वपूर्ण मंच बनकर उभर रहा है।