Chhattisgarh

SECL और BALCO पर भड़के डिप्टी सीएम अरूण साव

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रायपुर : कोरबा जिले में सार्वजनिक उपक्रम और उद्योगों की मनमानी पर आज डिप्टी सीएम अरूण साव और मंत्री लखनलाल देवांगन जमकर भड़के। दरअसल 7 साल बाद जिला पुनर्वास समिति की बैठक बुधवार को कलेक्टोरेट सभागार में रखा गया था। बैठक में सार्वजनिक उपक्रम एसईसीएल-एनटीपीसी सहित बालको और लैंको पाॅवर प्लांट के अधिकारी मौजूद थे। बैठक के शुरू होते ही प्रभारी मंत्री अरूण साव और मंत्री लखनलाल देवांगन एसईसीएल से प्रभावित भूविस्थापितों की समस्या और प्रबंधन की वादाखिलाफी पर जमकर भड़क गये। डिप्टी सीएम साव ने एसईसीएल की नीयत पर सवाल उठाते हुए कह दिया कि आपको सिर्फ कोयला उत्पादन से मतलब है, प्रभावितो के मानवीय संवेदना से कोई लेना देना नही है। लेकिन ये सरकार संवेदनशील है, अब ऐसा नही चलेगा। वहीं बालको के CSR गतिविधियों पर नाराजगी जताते हुए डिप्टी सीएम अरूण साव ने सीईओं को तंज कसते हुए कह दिया कि दोना-पत्तल बनवाने से काम नही चलेगा।

छत्तीसगढ़ सरकार के डिप्टी सीएम और कोरबा जिला के प्रभारी मंत्री अरूण साव आज फुल फॉर्म में नजर आये। दरअसल मौका जिला पुनर्वास समिति की बैठक का था। साल 2017 से करीब 7 साल बाद जिला पुनर्वास समिति की बैठक बुधवार को आयोजित की गयी। जिसमें जिले के सभी सार्वजनिक उपक्रमों के साथ ही उद्योगों के प्रमुख और बड़े अधिकारी मौजूद रहे। बैठक शुरू होते ही डिप्टी सीएम अरूण साव ने एसईसीएल के गेवरा परियोजना के सीजीएम की क्लास लगा दी। भूविस्थापितों के विस्थापन और लंबित नौकरी के मुद्दे को लेकर डिप्टी सीएम साव ने जमकर नाराजगी जताते हुए एसईसीएल के अफसरों के नीयत पर सवाल खड़ा करते हुए कड़ी नाराजगी जतायी। इस दौरान श्रम और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांनग भी अपना गुस्सा नही रोक पाये।

उन्होने एसईसीएल के अफसरों पर सवाल उठाते हुए कहा कि गेवरा खदान में जिन लोगों की जमीन अधिग्रहित की गयी, वो आज भी नौकरी के लिए भटक रहे है। इस पर गेवरा सीजीएम ने नौकरी नही मिलने वाले भू-विस्थापितों के सत्यापन को लेकर विलंब होने की दलील दी। जिस पर मंत्री लखनलाल देवांगन ने बैठक में नाराजगी जताते हुए सबके सामने प्रभावित भू-विस्थापितों का नाम पढ़कर सुना दिया और आगामी एक महीन में उचित कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया गया। मंत्री देवांगन ने आरोप लगाया कि आज भी भू-विस्थापित अपने कह की लड़ाई लड़ रहे है, लेकिन एसईसीएल प्रबंधन ऐसे आंदोलनकारी विस्थापितों के खिलाफ षड़यंत्र पूर्वक पुलिस में एफआईआर दर्ज कराती है। मंत्री ने बैठक में एसईसीएल के अधिकारियों को ऐसे सभी FIR को तत्काल वापस लेने का निर्देश दिया गया।

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