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लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया

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दिल्ली पुलिस ने रविवार को यहां लद्दाख भवन के बाहर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के नेतृत्व में छह अक्टूबर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे करीब 20 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों को मंदिर मार्ग पुलिस थाना ले जाया गया है। पुलिस ने इससे पहले कहा था कि हिरासत में लिए गए लोगों में सोनम वांगचुक भी शामिल है लेकिन बाद में नयी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि हिरासत में लिए गए लोगों में जलवायु कार्यकर्ता शामिल नहीं हैं।

पुलिस उपायुक्त (नयी दिल्ली) देवेश महाला ने कहा, ‘‘हमने कुछ छात्रों को लद्दाख भवन के बाहर से हिरासत में लिया है।सोनम वांगचुक उनमें शामिल नहीं हैं।’’ इस बीच, वांगचुक ने एक वीडियो संदेश में कहा कि दिल्ली पुलिस ने उनके कई समर्थकों को हिरासत में ले लिया है।उन्होंने साथ ही सवाल किया कि बिना मंजूरी एक स्थान पर जमा होने से रोकने के लिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा-163 क्यों स्थायी रूप से नयी दिल्ली क्षेत्र में लागू है?

वांगचुक ने संदेश में कहा, ‘‘कई लोग आज सुबह शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल होने आए थे। यह वास्तव में दुखी करने वाला है कि उन्हें दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। यह दुखी करने वाला है क्योंकि यह दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में हुआ है, हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी नहीं कर सकते।’’

वांगचुक ने कहा, ‘‘हमें बताया गया है कि धारा 163 लागू कर दी गई है… यह दुखद है कि लोकतंत्र की जननी पर पूरे साल इस तरह की पाबंदी लगी रहती है। यह धारा आमतौर पर अस्थायी तौर पर तभी लागू की जाती है जब कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारे लोकतंत्र पर एक धब्बा है और अदालतों को भी इसका संज्ञान लेना चाहिए…ऐसी धाराओं को स्थायी रूप से कैसे लागू किया जा सकता है?’’

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