देश को आजादी के बाद पहली बार मिली मजबूत सरकार : अमित शाह
2014 में पहली बार पूर्ण बहुमत और मोदी लहर के साथ भाजपा सरकार सत्ता में आयी, तब से लेकर आज तक यह मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल चल रहा हैं। मोदी सराकर ने पिछले 10 सालों में कई बड़े मुद्दों को सुलझाया है और उस पर काम किया है। तीसरे कार्यकाल में गठबंधन सरकार बनीं हैं। ऐसे में एनडीए सरकार ने अपने 100 दिनों को पूरा कर लिया है। भाजपा ने विभिन्न मंत्रालयों के साथ-साथ विभागों ने 17 सितंबर को एनडीए सरकार के 100 दिन पूरे होने के उपलक्ष्य में एक विस्तृत योजना तैयार की है। आज पीएम मोदी का जन्मदिन भी है और ऐसे में भाजपा ने अपने तीसरे कार्यकाल के 100 दिन पूरे होने पर अपनी एक रिपोर्टकार्ड शेयर की है। पार्टी ने ‘सेवा पखवाड़ा’ कार्यक्रम शुरू किया जो 2 अक्टूबर को समाप्त होगा।
मीडिया से बात करते हुए शाह ने कहा, देश की कई संस्थाओं ने पीएम मोदी के जन्मदिन को ‘सेवा पखवाड़ा’ के रूप में मनाने का फैसला किया है। 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक हमारे पार्टी कार्यकर्ता लोगों की मदद करेंगे। पीएम मोदी एक गरीब परिवार में पैदा हुए और वे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के पीएम बने। 15 अलग-अलग देशों ने उन्हें अपना सर्वोच्च सम्मान दिया। 140 करोड़ भारतीय आज उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को देश में ‘राजनीतिक स्थिरता’ की प्रशंसा की और पिछले 10 वर्षों में भारत के विकास के लिए एनडीए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। शाह ने प्रगति पर प्रशासन के फोकस को रेखांकित करते हुए कहा कि हमारी सरकार एक विकसित भारत के निर्माण की राह पर है। एनडीए सरकार के 100 दिन पूरे होने पर, शाह ने पिछले एक दशक में आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला, और लोगों को भाजपा को देश का नेतृत्व करने का एक और अवसर सौंपने का श्रेय दिया।
शाह ने जोर देकर कहा कि विकास के लिए 10 साल ‘अथक’ समर्पित करने के बाद, भारत के लोगों ने भाजपा और उसके सहयोगी दलों को ऐतिहासिक तीसरे कार्यकाल के लिए जनादेश दिया। उन्होंने कहा, पिछले 60 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है। इससे देश में राजनीतिक स्थिरता का माहौल बना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश ने अपनी आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को मजबूत किया है। उन्होंने कहा, पीएम मोदी नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं, जिसमें हमारी प्राचीन शिक्षा प्रणाली और आधुनिक शिक्षा शामिल है, जो हमारी क्षेत्रीय भाषाओं को भी सम्मान देती है।