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लंच बॉक्स में छात्र ले आया नॉनवेज , प्रिंसिपल ने काट दिया नाम

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उत्तर प्रदेश का अमरोहा जिले में स्थित एक निजी कॉन्वेंट स्कूल विवादों में आ गया है। दरअसल रिपोर्टों के मुताबिक तीसरी कक्षा के छात्र को कथित तौर पर लंच बॉक्स में मांसाहारी बिरयानी लाने पर स्कूल से निकाल दिया गया। हम आपको बता दें कि सात वर्षीय लड़के की मां और स्कूल प्रिंसिपल के बीच बातचीत का एक कथित वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर वायरल है। इसको देखने के बाद अधिकारियों को मामले की जांच के लिए एक समिति गठित करनी पड़ी। लड़के की मां ने आरोप लगाया है कि उसके बेटे को प्रिंसिपल ने पीटा था और एक खाली कमरे में बंद कर दिया था, लेकिन प्रिंसिपल ने आरोपों से इंकार किया है।

लड़के की मां ने शिकायत दर्ज कराई है कि उसके बेटे को स्कूल प्रिंसिपल ने पीटा था और उसे धार्मिक कट्टरपंथी करार दिया था। उसने यह भी दावा किया कि प्रिंसिपल ने उससे कहा कि उसने लड़के का नाम स्कूल रजिस्टर से काट दिया है और भविष्य में उसे स्कूल भेजने की कोई ज़रूरत नहीं है। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक (डीआईओएस) वीपी सिंह ने कहा, ”मैंने समयबद्ध जांच का आदेश दिया है और रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करूंगा।” जिले के सभी सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूलों को संचालित करने वाले वीपी सिंह ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है और निर्देश दिया है कि वह सोमवार तक एक रिपोर्ट सौंपे। समिति में अमरोहा जिले के तीन सरकारी स्कूलों के प्रधानाचार्य शामिल हैं। इस बीच, बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) मोनिका कुमारी ने कहा कि अगर रिपोर्ट में प्रिंसिपल को दोषी पाया गया तो “कड़ी कार्रवाई” की जाएगी।

दूसरी ओर, स्कूल प्रिंसिपल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा है कि मैंने लड़के को नहीं पीटा और उसे एक शिक्षक की देखरेख में कंप्यूटर कक्ष में बैठाया गया था। उन्होंने कहा कि लड़के ने स्कूल परिसर के भीतर मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया और अपने सहपाठियों को बिरयानी की पेशकश की। उन्होंने कहा कि मैंने बुधवार को अभिभावक-शिक्षक बैठक बुलाई थी लेकिन उसकी मां ने मुझे दोषी ठहराया।

हम आपको यह भी बता दें कि प्रिंसिपल और लड़के मां के बीच बातचीत का एक कथित वीडियो वायरल हो गया जिसमें उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि लड़के का नाम स्कूल रजिस्टर से काट दिया गया था। घर ले जाओ इसे, ऐसे बच्चों की यहां जरूरत नहीं है, हमें यहां ऐसे छात्रों की जरूरत नहीं है। वीडियो में कथित तौर पर प्रिंसिपल को यह कहते हुए भी सुना जा सकता है कि हम उन बच्चों को नहीं पढ़ाएंगे जो बड़े होकर मंदिर तोड़ेंगे। उन्होंने साथ ही यह भी आरोप लगाया कि वह ऐसे खाद्य व्यंजनों के माध्यम से दूसरों को धर्म परिवर्तित करने के लिए प्रेरित करता है।

इस बीच, स्थानीय मुस्लिम समिति के सदस्यों ने घटना के खिलाफ अमरोहा तहसील मुख्यालय पर प्रदर्शन किया और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को संबोधित एक ज्ञापन अमरोहा के उप मंडल मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार को सौंपा। मुस्लिम कमेटी के अध्यक्ष हाजी खुर्शीद अनवर ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, “हमने मांग की है कि स्कूल की मान्यता रद्द की जाए और दोषियों के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की जाए।”

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