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हम कड़ी मेहनत करते हैं, रील नहीं बनाते: रेल मंत्री

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केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में 2024-25 के लिए रेल मंत्रालय के अनुदान की मांगों पर जवाब दिया। साथ ही कहा कि मैं PM नरेंद्र मोदी को धन्यवाद करना चाहूंगा कि मेरे जैसे साधारण कार्यकर्ता को देश की सेवा करने का मौका दिया। मैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को भी धन्यवाद देता हूं कि रेलवे की सबसे बड़ी जो समस्या थी कि निवेश की कमी है वो उन्होंने PM मोदी के निर्देश पर बजट में एक रिकॉर्ड आवंटन करके लगातार कई सालों तक बजट आवंटन बढ़ा कर जो सबसे बड़ी समस्या थी उसे दूर किया। मैं रेलवे के उन 12 लाख कर्मचारियों, उस रेल परिवार को भी धन्यवाद देता हूं, जो हर दिन 20 हजार से ज्यादा ट्रेनें चलाते हैं और देश की सेवा करते हैं।

रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि आवंटन से रेलवे में निवेश को लेकर चिंताएं दूर हो जाएंगी। केंद्रीय रेल मंत्री ने कहा कि हम वो लोग नहीं हैं, जो रील बनाते हैं। हम कड़ी मेहनत करते हैं। आप की तरह रील बनाकर दिखाने वाले लोग नहीं है। उन्होंने कहा कि लोको पायलटों के औसत कामकाज और आराम का समय 2005 में बनाए गए एक नियम से तय होता है। 2016 में नियमों में संशोधन किया गया और लोको पायलटों को ज्यादा सुविधाएं दी गईं। सभी रनिंग रूम-558 को वातानुकूलित बनाया गया। लोको कैब बहुत अधिक कंपन करती हैं, गर्म होती हैं और इसलिए 7,000 से ज्यादा लोको कैब वातानुकूलित हैं। यह उन लोगों के समय में शून्य था, जो आज रील बनाकर सहानुभूति दिखाते हैं।

रेलवे में बढ़ती यात्रा मांग के बारे में चिंताओं का जवाब देते हुए मंत्री वैष्णव ने सदन को बताया कि आने वाले महीनों में 2,500 सामान्य कोचों का उत्पादन किया जाएगा, जिसमें कुल 10,000 कोचों के निर्माण का लक्ष्य है। रेलवे आमजन की सवारी है। गरीब से गरीब व्यक्ति भी आज रेल के द्वारा लंबी दूरी की यात्रा कम पैसे में कर पाता है। रेलवे की सुविधा हर व्यक्ति को मिले इसके प्रति हमारी सरकार तत्पर है। रेल मंत्री ने कहा कि दो बड़े शहरों के बीच कम दूरी की यात्रा सुनिश्चित करने पर जोर देते हुए परीक्षण के लिए कपूरथला कोच फैक्ट्री से एक क्षेत्रीय ट्रेन सेवा ‘वंदे मेट्रो’ शुरू की गई है।

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