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मुस्लिम महिलाओं में खुशी की लहर, शौहर को देना होगा भरण-पोषण

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सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं को लेकर एक बड़ा फैसला दिया। जस्टिस नागरत्ना ने अपने फैसले में कहा है कि समर्थ होने पर कोई शख्स अपनी पत्नी, बच्चे या माता-पिता के भरण-पोषण से इनकार नहीं कर सकता। ऐसा करने पर अदालत उसे भरण-पोषण के लिए मासिक भत्ता देने का आदेश दे सकती है। अदालत के फैसले पर तीन तलाक के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ने वाली सहारनपुर निवासी सुप्रीम कोर्ट की वकील फराह फैज ने आईएएनएस के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत कहते हुए कहा कि तीन तलाक पीड़ित महिला अपने पति से खुद के लिए व अपने बच्चों के भरण पोषण के लिए भत्ते की मांग कर सकती है। वकील फराह फैज ने कहा, सीआरपीसी की धारा 125 हर महिला के लिए है। इसमें 10 हजार रुपया महीना गुजारा भत्ता तय किया गया था। 

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