देश विरोधी हरकत के लिए बेशर्म ओवैसी को बाहर का रास्ता दिखाना जरूरी
संपादक राहुल चौबे की कलम से
भारत में देश-विरोधी मानसिकता वाले लोगों की तादात में इजाफा हो रहा है। एक ओर ‘भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाल्लाह’ का नारा हो, चाहे भारत माता को डायन कहना लोग पूरी बेशर्मी के साथ ऐसी बातें कहते हैं। और दुर्भाग्य ऐसा है कि ऐसे लोगों के बचाव में भी कुछ खड़े हो जाते है। ऐसे लोगों पर दिखावे के लिए तात्कालिक कार्रवाई तो की जाती है।
परन्तु लंबे अंतराल के बाद उसका कोई सार्थक परिणाम नहीं मिलता। मामला ठंडा बस्ते में डाल दिया जाता है। हाल ही में 18 वी लोकसभा के निर्वाचन के बाद सदन में शपथ ग्रहण करने के बाद सांसद असद्दुदीन ओवैसी ने अंत में जय फिलिस्तीन का नारा लगा दिया। यह उनकी देशविरोधी हरकत थी। उनके इस नारे का गंभीरतापूर्वक संज्ञान लिया जाना चाहिए और संविधान के अनुच्छेद 102 (4) के तहत मामला पंजीबद्ध करके इनकी सदस्यता भी रद्द की जानी चाहिए।
इस अनुच्छेद में साफ साफ लिखा है कि कोई भी सांसद किसी अन्य देश के प्रति निष्ठा जताएगा तो उसकी सदस्यता छीनी जा सकती है। लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि क्या पूरा पक्ष और विपक्ष एकजुट होकर ऐसी गलती करने वाले ओवैसी को संसद से बाहर का रास्ता दिखा पाएगा।साथ ही उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई कराने मे सहयोग करेगा।