नुआखाई तिहार पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करे राज्य शासन
रायपुर : उड़िया समाज एवं नुआखाई शोभायात्रा संचालन समिति ने ऋषिपंचमी 8 सितंबर 2024 को नुआखाई तिहार के उपलक्ष्य में राज्य सरकार से सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की है। समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को उत्तर विधान सभा क्षेत्र के विधायक पुरंदर मिश्रा जी को मांग पत्र सौंपकर इस पर विचार करने का निवेदन किया है।
चर्चा के दौरान माननीय विधायक ने कहते हुए समाजजनों को आश्वस्त किया कि इस विषय को मैं समाज का सदस्य होने के नाते एक जनप्रतिनिधि होने के नाते प्राथमिकता के साथ मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कर इस विषय को रखूंगा और आप लोगों के साथ मैं स्वयं मुलाकात करने जाउंगा इस नुआखाई से पहले हमें इस काम को करना है जिसके लिए समाज आशान्वित है .
विधायक जी ने कहा आप लोग जल्द ही डेलीगेशन बनाएं पत्र के जरिए कहा गया है कि उड़ीया समाज के समस्त संगठनों द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ में प्रत्येक वर्ष के सितंबर माह पर पड़ने वाले ऋषिपंचमी को नुआखाई तिहार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इसमें विद्यार्थी, कर्मचारी, अधिकारी, मजदूर एवं किसान आदि वर्ग के लोग शामिल होते हैं। उड़िया समाज के मानवीय अधिकारों का संरक्षण हो, उनके लिए जल जंगल जमीन के अधिकार सुरक्षित रहें, उनकी अस्मिता, आत्मसम्मान, कला संस्कृति, अस्तित्व कायम रहे एवं शिक्षा का व्यापक प्रचार-प्रसार हो।
इनकी जन जागृति एवं प्रयत्न की आवश्यकता के मद्देनजर यह नुआखाई मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ में में लगभग 32 लाख से अधिक उड़ीया समाज के लोग रहते हैं .
नुआखाई पर्व छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती सरायपाली, बसना,गरियाबंद, महासमुन्द, रायगढ़, जशपुर, धमतरी सहित बस्तर संभाग के कुछ जिले भी इनमें शामिल हैं, जहाँ पड़ोसी राज्य की तरह उड़ीया संस्कृति से जुड़े लाखों लोग इसे पारम्परिक रीति-रिवाजों के साथ उत्साह से मनाते हैं।
उड़िया का यह प्रमुख पारंपरिक लोक त्योहार है। खेतों में लहलहाती धान की नई फसल में बालियों के आने की खुशी के इजहार के रूप में तथा उस नई फसल को अपने ईष्ट देवी-देवताओं को अर्पण करने के प्रतीकात्मक नवाखाई उत्सव को इस जनजाति के लोग हर्षोल्लास से मनाते हैं। इस दिन ये अपने ईष्टदेवों नया चावल से बने पीठा आदि पारंपरिक व्यंजनों को बनाकर भोग के रूप में नई फसल को अर्पण करते हैं।