Chhattisgarh

अग्रसेन महाविद्यालय में “योग की उपादेयता” पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न

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रायपुर. अग्रसेन महाविद्यालय में योग विभाग तथा आई.क्यू.ए.सी द्वारा संयुक्त रूप से “आधुनिक जीवन शैली और योग की उपादेयता” विषय पर आयोजित तीन-दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आज संपन्न हो गई.

संगोष्ठी के अंतिम दिन के सत्र का शुभारम्भ श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के डॉ. केवलराम चक्रधारी तथा महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष एवं महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ वी.के. अग्रवाल तथा जैतुसाव मठ के न्यासी सदस्य महेंद्र अग्रवाल की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ.

अपने संबोधन में श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय के डॉ. केवलराम चक्रधारी ने कहा कि वर्तमान जीवनशैली आधुनिक रहन-सहन को अपनाने के कारण अनुशासनहीन हो गई है. इसी वजह से शरीर और मन के स्तर पर अनेक प्रकार की बीमारियाँ होने लगी हैं. ऐसे में योग को जीवनचर्या में शामिल कर हम इस खतरे से खुद को बचा सकते हैं. उन्होंने योग के आध्यात्मिक पहलुओं की भी चर्चा की.

इस मौके पर श्री रावतपुरा सरकार विश्वविद्यालय में योग विभाग के प्राध्यापक डॉ कप्तान सिंह ने कहा कि योग हमारे देश में प्राचीन काल से जीवन पद्धति के रूप में प्रचलित रहा है. लेकिन जैसे-जैसे तकनीकी आविष्कारों के कारण जीवन की व्यवस्थाएं सरल होती गई, मनुष्य योग-अभ्यास से विमुख होता चला गया. इसका परिणाम यह हुआ कि व्याधियों से शरीर रुग्न होने लगा. इस समस्याओं का समाधान योग से ही संभव है. इसलिए अपने दैनिक जीवनचर्या में योग अभ्यास को अनिवार्य रूप से शामिल करना चाहिए.

इस अवसर पर महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के अध्यक्ष तथा महाविद्यालय के डायरेक्टर डॉ वी.के. अग्रवाल ने कहा कि योग न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है, बल्कि यह मन मस्तिष्क को भी चैतन्य रखता है. वास्तव में योग को अपनाने से हमारा जीवन सदैव सकारात्मक उर्जा से भरपूर बना रहता है. महाराजाधिराज अग्रसेन शिक्षण समिति के सचिव तथा महाविद्यालय के एडमिनिस्ट्रेटर एवं वाणिज्य संकाय प्रमुख इस तीन दिवसीय संगोष्ठी में आमंत्रित विशेषज्ञों को उनके उपयोगी विचारों के लिए साधुवाद दिया. वहीँ आभार प्रदर्शन करते हुए प्राचार्य डॉ युलेन्द्र कुमार राजपूत ने योग विशेषज्ञों की प्रस्तुति समस्त प्रतिभागियों के लिए प्रेरक बताते हुए इसे आत्मसात करने की सलाह दी. संगोष्ठी में शामिल समस्त प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी दिए गए. कार्यक्रम का संयोजन आई.क्यू.ए.सी. की प्रमुख डॉ डॉली पाण्डेय एवं योग विभाग की प्रमुख डॉ मंजू सिंह ठाकुर ने किया. कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकों एवं विद्यार्थियों ने भी अपनी सक्रिय भागीदारी निभाई.

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