क्या इस बार भी ग्रामीणों की मांग पर नहीं दिया जाएगा कोई ध्यान, दो घंटे कलेक्ट्रेट के बाहर चिल्लाते रहे ग्रामीण, खदान पर कोई कार्रवाई नहीं
कवर्धा। भलपहरी के ग्रामीणों की मांग क्या इस बार भी पुरी नहीं होगी। उनके दो घंटे तक कलेक्ट्रेट के बाहर अपनी मांगों को लेकर चिल्लाना व्यथ होगा। जबकि ग्रामीण अपने बच्चों व अपने जान बचाने की मांग को लेकर कलेक्टेट आऐ थे।
जी हां भलपहरी स्थित गिटटी खदान के कारण लोगों की दम घुंट रहीं है। यहां ग्रामीणों की धूल से दम घूंट रहा है कि गांव में रहना मुश्किल हो चुका है। इसी प्रकार पानी की समस्या के कारण तो ग्रामीणों की गांव छोडने तक की नौबत आ चकी है।
हर वर्ष ग्रामीण खदान को बंद कराने की मांग करते आ रहे है, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देते है। इसके कारण अब ग्रामीणों की उम्मीद पर प्रशासन से नहीं है। अब वे सीधे उग्र आंदोलन करने की तैयारी कर रहे है। जबकि गांव धूल से बच्चों सहित बुजूर्गो को श्वास सम्बंधित बीमारी हो रही है। जिसके इलाज में लाखों रुपए खर्च तक करना पड रहा है। धूल के गुबारे गांव की सडकों पर उठ रहे हैं लेकिन इसे दूर करने न तो खदान संचालक कोई ध्यान दे रहे हैं और नहीं प्रशासन।
नहीं मिलता कोई रोजगार
भलपहरी के ग्रामीणों ने बताया कि यहां संचालित आशा गिटटी खदान से किसी प्रकार से फायदा नहीं है। जबकि यहां से धूल व ब्लास्टीग से 24 घंटे केवल डर लगा रहता है। ग्रामीण पोखराज, राजकुमार साहू, मनोज ने बताया कि खदान भलपहरी में जरुर है। पर यहां रोजगार बाहर के लोगों को दिया जाता है, लेकिन गांव के किसी को रोजगार नहीं मिला है। कुछ दिन के लिए काम पर रखते हैं और कुछ ही दिन में नौकरी से निकाल देते है। लेकिन प्रशासन से कई बार इस खदान को बंद कराने की मांग कर चुके हैं पर कोई ध्यान नहीं दे रहे है।