बादल फटने के बाद से लापता 45 लोगों, पांच की मौत
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की कई घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गयी और करीब 45 व्यक्ति लापता हैं तथा बारिश के कारण कई मकान, पुल और सड़कें बह गयी हैं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
राज्य आपात अभियान केंद्र ने बताया कि कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में बादल फट गया।
स्थानीय मौसम केंद्र ने बृहस्पतिवार को कांगड़ा, कुल्लू और मंडी जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश, गरज के साथ छींटे और बिजली गिरने को लेकर ‘रेड अलर्ट’ जारी किया।
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बुधवार रात श्रीखंड महादेव के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके परिणामस्वरूप शिमला में रामपुर उपमंडल के समेज खुड (नाला) में जलस्तर बढ़ने से दो लोगों की मौत हो गयी तथा 30 अन्य लापता हो गए।
शिमला के उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि सड़कों के बह जाने के कारण बचाव अभियान चुनौतीपूर्ण हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन के कारण मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया है।
घटनास्थल पर मौजूद शिमला के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस बल, पुलिस और होम गार्ड ने बचाव अभियान शुरू कर दिया है और लापता लोगों की तलाश के लिए ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि मंडी जिले में पधर उपमंडल के तेरांग के समीप राजबन गांव में बुधवार रात बादल फटने की एक अन्य घटना में तीन लोगों की मौत हो गयी तथा सात अन्य लोग लापता हो गए। दो मकान भी बह गए जबकि एक अन्य मकान क्षतिग्रस्त हो गया।
अधिकारियों के मुताबिक, चंडी देवी (75) और चैत्री देवी (90) के शव बरामद किए गए हैं तथा एक घायल व्यक्ति (25 वर्षीय राम सिंह) को बचा लिया गया। घायल की हालत गंभीर है।
कुल्लू जिले में बादल फटने की एक अन्य घटना में सात लोग लापता हो गए।
कुल्लू की उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘कुल्लू जिले के निरमंड मंडल के भागीपुल इलाके में सात लोग लापता हैं और करीब आठ-नौ मकान बह गए हैं। सीआईएसएफ और विशेष होम गार्ड को लापता लोगों की तलाश के लिए खोज अभियान में लगाया गया है।’’
उन्होंने बताया कि शिमला जिले की सीमा पर समेज में तीन लोग लापता हैं तथा तीन-चार मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। मलाना बांध के भी टूटने की सूचना है, लेकिन स्थिति अभी नियंत्रण में है।
उन्होंने बताया कि कुछ लोग मलाना-1 जल विद्युत परियोजना में फंसे हुए हैं। वे भूमिगत इमारतों में हैं और सुरक्षित हैं तथा एनडीआरएफ और होम गार्ड के दल उन्हें बाहर निकालने के प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मनाली-चंडीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन तथा ब्यास नदी का पानी घुसने के कारण क्षतिग्रस्त हो गया है।
तोरुल ने बताया कि जिले में सभी शैक्षणिक संस्थानों तथा विद्यालयों को दो दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और राज्य में बादल फटने से उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया। शाह ने इस स्थिति में मुख्यमंत्री को केंद्र की ओर से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया।
इस मामले पर आपात बैठक करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में सुक्खू ने कहा कि आपदा निगरानी के लिए राज्य में 13 स्थानों पर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र भी स्थापित किए गए हैं और जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत प्रदान करने तथा अस्थायी पुल (बेली ब्रिज) बनाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रभावित क्षेत्रों में परिवहन गतिविधियों को संचालित करने के लिए पुलिस को पांच परिवहन ड्रोन उपलब्ध करवाए जाएंगे तथा बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस को 50 जनरेटर दिए जाएंगे।
उन्होंने लोगों से एहतियाती कदम उठाने और नदियों के पास नहीं जाने का आग्रह किया।
सुक्खू ने बताया कि शाह और केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि सेना तथा वायुसेना से मदद मांगी जाएगी और राज्य में आपदा से निपटने के लिए एनडीआरएफ के दो और दल भेजे जाएंगे।
नड्डा ने मुख्यमंत्री से एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और मोदी सरकार की ओर से हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
नड्डा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश में विभिन्न स्थानों पर बादल फटने के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान की दुखद खबरें प्राप्त हुई हैं, मुख्यमंत्री से राज्य में लगातार आ रही प्राकृतिक आपदाओं के संबंध में विस्तृत बातचीत की है और मोदी सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।’’
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि राज्य में भारी बारिश और बादल फटने के कारण व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है तथा सेब की फसल भी बर्बाद हो गयी है।
भूस्खलन के कारण शिमला-जुन्गा मार्ग बंद कर दिया गया है और चंबा के चुराह विधानसभा क्षेत्र के राजनगर में मलबे में वाहनों के दबने की खबरें आ रही हैं और हमीरपुर जिले में भी सड़कें अवरुद्ध हैं।
हिमाचल प्रदेश में कई हिस्सों में बुधवार शाम से ही भारी बारिश हो रही है। राज्य में पालमपुर में सबसे अधिक 213 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी। इसके बाद चौरी में 203 मिमी और धर्मशाला में 184.2 मिमी बारिश दर्ज की गई।
राज्य में अगले चार-पांच दिन बारिश जारी रहने का अनुमान है।
हिमाचल प्रदेश के आपात अभियान केंद्र के अनुसार, मंगलवार तक दर्ज आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 27 जून को मानसून के पहुंचने के बाद से बारिश से जुड़ी घटनाओं में 65 लोग मारे जा चुके है। प्रदेश को 433 करोड़ रुपये का नुकसान भी पहुंचा है।