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ताड़मेटला घटना में शामिल बड़े कैडर के 4 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

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नारायणपुर। नक्सल उन्मुलन अभियान एवं अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते दबाव के फलस्वरूप नक्सल संगठन में सक्रिय बड़े कैडर के दो नक्सली सहित कुल 4 नक्सलियों, गांधी ताती उर्फ अरब उर्फ कमलेश पिता स्व. पाण्डू उम्र 35 वर्ष निवासी ग्राम कोरसागुड़ा थाना बासागुड़ा जिला बीजापुर माड़ डिवीजन संयुक्त मोर्चा प्रभारी तथा पूर्व नेलनार एरिया कमेटी प्रभारी एवं सचिव 8 लाख इनाम, मैनू उर्फ हेमलाल कोर्राम डीवीसीएम, पूर्व बस्तर डिवीजन / आमदाई एरिया कमेटी सदस्य, पिता स्व. सुक्कू कोर्राम 35 वर्ष कोषलनार पंचायत कोगेरा थाना झाराघाटी जिला नारायणपुर 8 लाख का इनामी, रंजीत लेकामी उर्फ अर्जुन पिता स्व. सुक्कू 30 वर्ष पूर्व बस्तर डिवीजन, कंपनी 6 पीपीसीएम प्लाटून 1 सेक्सन बी कमाण्डर ग्राम डुंगा गंगालूर जिला बीजापुर 8 लाख का इनामी एवं कोसी उर्फ काजल उर्फ कविता पति रंजीत लेकामी 28 वर्ष निवासी पंचायत डोडी तुमनार पीपीसीएम कंपनी 6 प्लाटून नंबर 2 सीएनएम 8 लाख की इनामी ने नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार पुलिस, अति.पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुडिय़ा व सुशील नायक, ऐश्वर्य चन्द्राकर अति. पुलिस अधीक्षक ऑप्स के समक्ष आज बुधवार को आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रोत्साहन राशि 25 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया एवं नक्सल उन्मूलन नीति के तहत् मिलने वाली सभी प्रकार की सुविधाएं दिलाया जायेगा। आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में नारायणपुर पुलिस एव डीआरजी का योगदान रहा है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आत्मसमर्पित नक्सली अरब उर्फ कमलेश (डीव्हीसीएम) माड़ डिवीजन संयुक्त मोर्चा प्रभारी तथा पूर्व नेलनार एरिया कमेटी प्रभारी एवं सचिव के पद पर था कार्यरत एवं नेलनार क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में पिछले 8 सालों से रहा आतंक का पर्याय रहा। अरब उर्फ कमलेश 6 अप्रैल 2010 में सुकमा ताड़मेटला घटना में 76 जवान शहीद की घटना में शामिल रहा ,आत्मसमर्पित डीवीसीएम हेमलाल,अमदई एरिया कमिटी सचिव वर्ष 2021 के बुकिन्नतोर आईडी ब्लास्ट की घटना में शामिल था जिसमे 5 जवान शहीद हुए थे.आत्मसमर्पित नक्स्ली अर्जुन उ$र्फ रंजित 2018 की इरपानार एम्बुश की घटना में शामिल रहा था जिसमे 5 जवान शहीद हुए थे। आत्मसमर्पित नक्सली जिला नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा एवं सीमावती जिले/राज्य के 40 से अधिक बड़ी एवं छोटी नक्सल वारदातों में शामिल रहे । डीवीसीएम अरब और डीवीसीएम हेमलाल सहित शीर्ष नेतृत्व के 4 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से नेलनार एरिया कमेटी, अमदयी एरिया कमेटी एवं कंपनी नंबर 6 के नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है।
अंदरूनी क्षेत्र में लगातार पुलिस कैम्प खुलने एवं आक्रामक नक्सल विरोधी अभियान संचालित होने से ग्रामीणों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। वहीं नक्सलियों के खोखले विचारधारा एवं क्रूर व्यवहार,आंतरिक मतभेद से बाहर निकलकर समाज के मुख्य धारा जुडऩे के लिए प्रेरित हो रहे है। माड़ डिवीजन के अंतर्गत माड़ डिवीजन संयुक्त मोर्चा प्रभारी एवं पूर्व नेलनार एरिया कमेटी प्रभारी एवं सचिव (डीव्हीसीएम) अरब उर्फ कमलेश का आत्मसमर्पण इसी का परिणाम है जो वर्ष 2006 से अब तक नक्सल संगठन में जुड़कर कार्य कर रहे थे। आने वाले समय में और भी नक्सलियों के संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण करने की गोपनीय आसूचना है। शीर्ष नक्सली अरब उर्फ कमलेश के आत्मसमर्पण करने नक्सली संगठन को बड़ा नुकसान हुआ है।
उक्त आत्मसमर्पित चारों नक्सलियों ने बातचीत में यह भी बताया कि नक्सल संगठन के कई सदस्य भी वर्तमान में आत्मसमर्पण करना चाह रहे किन्तु शीर्ष कैडर के दबाव के चलते वे पुलिस से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं। उन्होने बताया कि विगत वर्ष सुरक्षा बलों द्वारा चलाये गए आक्रामक नक्सल विरोधी अभियान में नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है वहीं अपनी नाकामियों का ठीकरा उन्होंने बीच के एवं निचले कैडर पर फोड़ दिया है, इससे भी नक्सलियों में नाराजगी बढ़ी है।
नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार ने नक्सली संगठन से जुड़े ग्राम स्तर/पंचायत स्तर/ एरिया स्तर के बड़े व छोटे कैडरों से अपील करते हुए कहा कि वे भय मुक्त होकर आत्मसमर्पण कर शासन की पुर्नवास योजना का लाभ लेवें अन्यथा उन्हें बख्शा नहीं जाएगा । आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी अनुभव किया है कि केवल शीर्ष नेतृत्व के दबाव में आकर उन्होंने माड़ के लोगों को प्रताडि़त किया और लोग उनका साथ छोड़ते चले गए 7 जहां नक्सलियों का शीर्ष नेतृत्व भी अब उनकी विचारधारा के साथ नहीं बल्कि खिलाफ है7 यह द्वन्द सालों से इनके भीतर रहा है लेकिन ” माड़ बचाओ अभियान ने उन्हें अब एक नई आस दी है 7 माओवाद की विचारधारा में भटके नक्सलियों को उनके घर वाले भी वापस लाना चाहते हैं 7 हम सभी नक्सली भाई-बहनों से अपील करते हैं कि उनका बाहरी लोगों की भ्रामक बातों और विचारधारा से बाहर निकलने का समय आ गया है, समय माड़ को वापस उसके मूलवासियों सौंप देने का है, जहां वे स्वछन्द रूप से अपना नैसर्गिक जीवन सके।

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