बहिष्कृत 30 मुस्लिम परिवार ने वक्फ बोर्ड अध्यक्ष से की शिकायत

रायपुर। राज्य के 30 से अधिक मुस्लिम परिवारों को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया है। उनके परिवारों को कब्रिस्तान, मस्जिद, विवाह समारोह, सामूहिक दावत और सामाजिक संबंधों में पूर्ण रूप से बहिष्कृत कर दिया गया है। पीड़ित परिवारों ने आज राज्य वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज कर लिखित शिकायत की। यह मामला गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर और राजिम क्षेत्र की है।
पीड़ितों ने बताया कि 22 जमात के सदर अल्तमश सिद्दीकी विगत तीन वर्षों से नगर गोबरा नयापारा, राजिम और फिंगेश्वर पेड़ा गांव के कुछ सुन्नी मुस्लिम परिवारों पर दबाव बनाकर स्वयं को सदर के रूप में मान्यता दिलाने का प्रयास कर रहा है। इन परिवारों द्वारा उसे सदर के रूप में मानने से इनकार करने पर अपने व्यक्तिगत कुंठा के चलते उसने बिना किसी सबूत और वैध कारण के लगभग 30 मुस्लिम परिवारों को मुस्लिम समाज से जबरन बहिष्कृत कर दिया है। बतौर बहिष्कृत परिवारों को कब्रिस्तान, रोटी-बेटी रिश्ता, शादी-विवाह में रोक और सामूहिक दावत आदि पर समाज के ओहदेदारों को ब्लैकमेल व कमजोरियों को ढाल बनाकर, झूठ का सहारा लेकर रोक लगा रखा है, जिसकी वजह से हम पीड़ित अशरफी व वारसी परिवार को पंथीय विचारधारा के हिसाब से हम साहबाओं के अलावा हजरत अली को तरजीह देते हैं। इसको लेकर अल्तमश सिद्दीकी हमें शिया का इल्ज़ाम लगाकर लोगों को हमारे बारे में भ्रमित किया हुआ है। इस सम्बन्ध में वक्फ बोर्ड अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने कहा कि गरियाबंद के कुछ परिवार हैं जिन्हें मुतवल्ली के द्वारा उनको धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था। क्योंकि मुतवल्ली केवल मस्जिद का केयरटेकर है। समाज के लोगों को बाहर करना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी । उन्हें पद से बर्खास्त किया जाएगा।
